जनक्रांति रथ यात्रा निकाल मिशन 2022 फतह करेंगें अखिलेश यादव, जानें क्या है आगे की रणनीति…
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अगले साल होने वाले चुनाव के लिए कमर कस ली है। उन्होंने चुनाव से पहले साइकिल और रथ यात्रा निकालने का फैसला किया है। अखिलेश का कहना है कि इससे वह बीजेपी सरकार की वादा-खिलाफी को जनता के बीच लेकर जाएंगे। साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी अखिलेश ने ठीक ऐसा ही किया था। 2017 में भी अखिलेश रथ यात्रा पर निकले थे और खुद मुलायम सिंह यादव ने इसे हरी झंडी दिखाई थी।
दिवंगत राजनेता अमर सिंह ने एक इंटरव्यू में रथ यात्रा से जुड़ा एक किस्सा साझा किया था। दिवंगत पत्रकार रोहित सरदाना के साथ बातचीत में अमर सिंह ने बताया था, मुलायम सिंह यादव ने बेटे को स्थापित करने के लिए परिवार में फूट का ड्रामा रचा था। मुलायम जी इससे पहले दिल्ली आए थे, घर पर उन्होंने हमसे और शिवपाल से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि बेटा यात्रा पर जा रहा है और हमें झंडी दिखाने के लिए बोल रहा है। हम तो ऐसा नहीं करेंगे और हम आपसे मिलने यहां आ गए हैं।
अमर सिंह आगे कहते हैं, पता चला कि जबरन शिवपाल को लेकर वह झंडी दिखाने के लिए चले गए थे। हमसे मुलायम सिंह ने कहा कि आप वकील करिए, मैंने एक बड़े वकील मोहन पाराशर को किया। ये तय हो गया कि या तो साइकिल हमें मिलेगी या चुनाव चिन्ह फ्रीज होगा। दरअसल, मुलायम सिंह को पार्टी और पुत्र प्रेम नहीं छोड़ रहा था। वह चाहते थे कि हम लोगों के माध्यम से वो पुत्र की लगाम कसें, लेकिन पुत्र तो काबू में ही नहीं आया।
अमर सिंह ने बताया था, मुलायम सिंह यादव ने उन्हें चुनाव आयोग में भी नहीं जाने दिया था। क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इससे अखिलेश यादव को आगे कोई परेशानी हो। ये कोई पहली बार नहीं था जब समाजवादी पार्टी ने रथ यात्रा निकालकर जनता से संवाद किया था।
इससे पहले साल 2012 में भी रथ यात्रा के माध्यम से सपा ने प्रचार को रफ्तार दी थी और इसका फायदा उन्हें चुनाव के नतीजों में भी हुआ था। अब एक बार फिर अखिलेश जनक्रांति रथ लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं। उधर, सत्तारूढ़ बीजेपी भी जोर-शोर से तैयारी में जुटी है। सीएम योगी का दावा है कि उनकी पार्टी 350 से ज्यादा सीटें जीतेगी।