लालू ने खेला ऐसा दाव की जेडीयू और एनडीए की बढ़ गई मुश्किले
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : बिहार की दो विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होगा। ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को तारापुर में चुनावी सभा की। लालू यादव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, मैं नीतीश कुमार की सरकार का विसर्जन करने के लिए आया हूं। जिसे तेजस्वी ने शुरू किया और अब मैं इसे पूरा करने आया हूं।लगभग तीन साल बाद लालू यादव पटना वापस आए हैं। चुनावी सभा में वो अपने पुराने अंदाज में नजर आए। लालू की चुनावी सक्रियता ने इस उपचुनाव में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परेशानी और बढ़ा दी है। वहीं जनसभा में लालू यादव ने नीतीश कुमार को रोजगार के मामले पर घेरते हुए कहा कि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है।
2020 विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट जदयू की झोली में आई थी। लेकिन इसी साल अप्रैल में विधायक मेवालाल चौधरी की मौत के बाद हो रहे उपचुनाव में एनडीए इसे फिर से अपने पास रखना चाहती है। इसको लेकर भाजपा और जदयू की तरफ से तमाम दिग्गज नेताओं की फौज प्रचार के लिए लगाई गई है। हालांकि इस सीट को अपने पास बरकरार रखना एनडीए के लिए इतना आसान नहीं होगा।
इस उपचुनाव में लालू यादव ने वैश्य उम्मीदवार को टिकट देकर भाजपा और जदयू के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। वहीं इस विधानसभा की बात करें तो यहां यादव मतदाताओं की संख्या 50,000 से अधिक हैं। इसके बाद 45,000 कुशवाहा और 30,000 वैश्य मतदाता शामिल हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में 20,000 से अधिक मुस्लिम और अपर कास्ट के 30,000 लोग और 10,000 पासवान हैं।
राजद का आधार वोट जहां यादव माने जाते हैं तो वहीं पार्टी द्वारा वैश्य उम्मीदवार बनाए जाने से यहां लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। बता दें कि राजद के उम्मीदवार को 2020 के चुनावों में केवल 7,000 से पराजय झेलनी पड़ी थी। ऐसे में भाजपा और जदयू इस सीट को निकालने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
वहीं बुधवार को अपनी रैली में लालू यादव ने जातिगत जनगणना का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इस पर लंबी लड़ाई छेड़नी है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर जब जानवरों की गिनती हो सकती है तो इंसानों की गिनती और पिछड़ी जाति के लोगों की गिनती कराने में क्या परेशानी है? लालू यादव 6 साल बाद किसी चुनाव प्रचार में उतरे हैं।