यह टीम इंडिया की 150वीं जीत
टीम इंडिया ने भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैच की सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 137 रन से जीत कर इतिहास रच दिया। यह टीम इंडिया की टेस्ट मैचों में 150वीं जीत है। इस मैच में भारतीय टीम के लिए जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी कर 9 विकेट लिए। 399 रनों का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 261 रनों पर आउट हो गई जिसमें पैट कमिंस ने सबसे ज्यादा 63 रन बनाए। पिछले 71 वर्ष के इतिहास में पहली बार भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त ली है।
पहला टेस्ट मैच एडिलेड में जीतने के बाद भारतीय टीम ने पर्थ टेस्ट करारी पराजय से गंवाया था जिसके बाद भारतीय टीम पर सवालिया निशान लगाने लगे थे, लेकिन विराट सेना ने मेलबर्न में शानदार वापसी की व टेस्ट मैच अपने नाम कर लिया।
चौथे दिन ही जीत जाती टीम इंडिया
भारतीय टीम यह मैच चौथे दिन ही जीत जाती अगर पैट कमिंस इंडियन गेंदबाजों के सामने दीवार बनकर न खड़े होते। 399 रनों का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की आरंभ अच्छी नहीं रही। पहले दो विकेट केवल 10 ओवर के भीतर गिर गए। इसके बाद चाय तक ऑस्ट्रेलिया के पांच विकेट गिर गए। तीसरे सत्र में 62 ओवर तक ऑस्ट्रेलिया के सात विकटे गिर चुके थे लेकिन इसके बाद पैट कमिंस ने मोर्चा संभालते हुए शानदार हाफ सेंचुरी लगा डाली व इंडियन गेंदबाजों को विकेटों के लिए तरसा दिया।
पैट कमिंस ने तरसाया हिंदुस्तान को
हिंदुस्तान को ऑस्ट्रेलिया का 8वां विकेट 71वें ओवर में मिचेल स्टार्क के रूप में गिरा, लेकिन दिन के निर्धारित 77 ओवर होने के बाद भी हिंदुस्तान को दो विकेट नहीं मिले भारतीय टीम ने आधा घंटा भी लिया व उसे 8 ओवर व करने की इजाजत मिली लेकिन कमिंस व नाथन लॉयन ने अपनी टीम की पराजय एक दिन टाल दी।
पहले दिन सलामी जोड़ी ने किया कमाल
इस मैच से पहले भारतीय टीम की सलामी जोड़ी नाकाम रही थी तो विराट कोहली मयंक अग्रवाल व हनुमा विहारी की एक नयी ओपनिंग जोड़ी के साथ एमसीजी पर उतरे थे। मयंक का यह डेब्यू टेस्ट मैच था व इस वर्ष अपना पहला टेस्ट मैच खेल चुके विहारी ने ज़िंदगी में कभी ओपनिंग नहीं की थी। मेलबर्न की घास वाली पिच पर टॉस जीतने के बाद विराट ने बल्लेबाजी करने का निर्णय किया व इस जोड़ी 100 से ज्यादा गेंदें नाबाद खेल कर सभी को दंग कर दिया।
विहारी के डिफेंस की तारीफ
विहारी ने रन बनाने के बजाय मजबूत डिफेंस दिखाते हुए 66 गेंदों तक अपना विकेट बचाए रखा। वहीं मयंक ने भी मजबूत टेम्परामेंट दिखाते हुए विकेट बचाने के साथ रन भी बनाए। मयंक दूसरे सत्र में 76 रनों की शानदार पारी खेल कर अपने टेस्ट करियर का शानदार आगाज किया।
पहले दिन दो, जबकि दूसरे दिन गिरे केवल 5 विकेट
पहले दिन भारतीय टीम की शानदार बल्लेबाजी के कारण दो ही विकेट गिरे। इसके बाद दूसरे दिन चेतेश्वर पुजारा ने शानदार मजबूत 106 रनों की पारी खेली जबकि विराट कोहली (82) शतक से चूक गए। इसके अतिरिक्त रोहित शर्मा की फिफ्टी, व रहाणे (34) व पंत (39) की उपयोगी पारियों की मदद से विराट ने आकस्मित ही टीम को स्कोर 7 विकेट का नुकसान पर 443 रन हो जाने पर पारी घोषित कर दी। हालाकि दिन के आखिर में भारतीय टीम 6 ओवरों में ऑस्ट्रेलिया का कोई भी विकेट गिराने में नाकामयाब रही।
केवल 151 रनों पर सिमटी ऑस्ट्रेलिया
पहले दो दिन केवल 7 विकेट गिरे तो लगने लगा था कि इस मैदान पर हुए पिछले कई मैचों में की तरह ऑस्ट्रेलिया भी लंबी पारी खेलेगा व टेस्ट ड्रॉ हो जाएगा, लेकिन जसप्रीत बुमराह की अगुआई में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की पारी केवल 151 रनों पर समेट दी व हिंदुस्तान की जीत की कहानी की आरंभ कर दी। हिंदुस्तान को 292 रनों की बढ़त के बाद भी तीसरे दिन के अंतिम सत्र में विराट कोहली ने एक बार व चौंकाया जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन नहीं खिलाते हुए दूसरी पारी में पहले बल्लेबाजी को चुना।
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को भी पिच का लाभ मिला व तीसरे दिन का खेल का समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया ने हिंदुस्तान के 5 विकेट केवल 54 रन पर गिरा दिए। इसके बावजूद भारतीय टीमकी स्थिति बहुत मजबूत रही। चौथे दिन जब भारतीय टीम का स्कोर 8 विकेट पर 106 रन हो गया। विराट कोहली ने पारी घोषित कर दी जिससे ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 399 रनों का लक्ष्य मिला।