मिशन 2019 : बीजेपी को हराने के लिए समाजवादी पार्टी ने बनाई ये रणनीति

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से तैयार किए जा रहे चक्रव्यूह को समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने और आजमाये हुए अस्त्र ‘साइकिल रैलियों’से ही तोड़ने की तैयारी की है। पार्टी अपने सलाहकारों के साथ पूरा यूपी मथेगी और महागठबंधन को प्रभावी बनाने के लिए अन्य दलों से समन्वय की जमीन भी तैयार करेगी।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव सितंबर के पहले हफ्ते में खुद साइकिल रैली कर इस अभियान की शुरुआत करेंगे। पार्टी से जुड़े युवाओं को यह अभियान बूथ स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

सपा ने 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले साइकिल रैलियों के सहारे ही चुनावी लड़ाई जीती थी और बहुमत से सरकार बनाई थी। तब अखिलेश ने लगभग डेढ़ हजार किमी तक साइकिल यात्रएं की थीं।
हालांकि 2017 में मोदी आंधी के सामने पार्टी की एक न चली और वह 47 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। अब लोकसभा चुनाव से पहले साइकिल रैलियां लोगों तक पहुंचने का माध्यम होंगी लेकिन इसके पीछे पूरा तंत्र काम करेगा।

किस क्षेत्र की कितनी जनसंख्या है और रैलियों का रूट क्या होगा जिससे अधिक से अधिक लोगों तक संपर्क किया जा सके, इसकी योजना तैयार की गई है। इसके साथ ही जिलों से संवाद की श्रृंखला भी दोबारा शुरू होगी, जिसमें पार्टी अध्यक्ष खुद फीडबैक लेंगे।

अखिलेश ने पार्टी के हर पदाधिकारी के लिए 50 किमी प्रतिदिन साइकिल चलाने का लक्ष्य रखा है। पिछले दिनों पार्टी मुख्यालय में पदाधिकारियों को इस लक्ष्य से उन्होंने अवगत भी कराया है। कन्नौज की ठठिया मंडी से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे तक की उनकी खुद की पहली साइकिल यात्र का जो कार्यक्रम निर्धारित किया गया है, वह भी लगभग 50 किमी का है।

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि सितंबर के पहले हफ्ते में यह रैली संभावित है। इसके साथ ही पार्टी के चुनावी अभियान की जोरदार शुरुआत हो जाएगी। सपा प्रवक्ता मानते हैं कि साइकिल रैलियां सत्ता परिवर्तन की लहर लाएंगी।

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