ममता बनर्जी की हुई कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव, कहा-राहुल गांधी और अभिषेक बनर्जी की जोड़ी करेगी करिश्मा

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : पश्चिम बंगाल (West Bengal)  में जंग जीतने के बाद टीएमसी (TMC) की नजर अब एक बार फिर बीजेपी (BJP) के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों में चुनावों पर है। एक बार फिर टीएमसी पूर्वोत्तर में भी बीजेपी से आमने-सामने की जंग लड़ने के लिए तैयार है। कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल होने के बाद असम की नेता और पूर्व सांसद सुष्मिता देव (Sushmita Dev) ने कहा कि वह टीएमसी के लिए काम करेंगी और मिलकर बीजेपी को करेगी। राहुल गांधी और अभिषेक बनर्जी को जोड़ी करिश्मा करेगी।

 

 

 

 

सोमवार को ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाली पूर्व सांसद सुष्मिता देव तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई थी। वे असम में पार्टी का चेहरा होंगी। कल कैमेक स्ट्रीट में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और सीएम ममता बनर्जी के साथ मुलाकात कर टीएमसी में शामिल हुई थीं। आज सीएए पर सुष्मिता देव ने कहाए मुझे नहीं पता कि अब तक क्या बताया गया है अगर मैं कभी संविधान या मानवाधिकारों के खिलाफ नहीं रही हूंए यदि ऐसा होता है, तो मैं राजनीति छोड़ने के लिए तैयार हूं।

 

 

 

 

मंगलवार को टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कल उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और सोनिया जी को इस्तीफा पत्र दिया था। ममता बनर्जी के साथ जुड़ कर वह बहुत ही गौरान्वित महसूस कर रही हैं। मैंने अपने त्याग पत्र में लिखा था कि मैंने सोनिया गांधी को क्यों छोड़ा? ममता के विजन और काम को प्रेरित किया है। टीएमसी में महिला सांसदों की संख्या सबसे अधिक है, ममता दी जो साहस दिखाया है। उस पर सभी को गर्व है,  इस बार टीएमसी ने पूर्वोत्तर की कमान अभिषेक बनर्जी के हाथों में सौंपी है। अभिषेक बनर्जी टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे हैं और पूर्वोत्तर की कमान अपने हाथों में ले ली है। वहीं इस जंग में बीजेपी का नेतृत्व असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा कर रहे हैं।

 

 

 

 

बंगाल की जीत के बाद ममता बनर्जी और टीएमसी के हौसले काफी बुलंद हो चुके हैं। जिसके चलते वह पूर्वोत्तर के जरिए अपनी ताकत बढ़ाने और राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस के निष्क्रिय होने की वजह से टीएमसी बीजेपी के मु्ख्य विरोधी कै तौर पर उभरने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का सूपड़ा पूर्वोत्तर में साफ होने की वजह से टीएमसी को यह मौका मिल सका है। इस दौरान अपना वर्चस्व कायम करने के लिए टीएमसी छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। इसके साथ ही टीएमसी ने त्रिपुरा में भी अपनी सक्रियता बढ़ी है और त्रिपुरा में बिप्लव देब की बीजेपी सरकार को चुनौती दे रही है। इस अवसर पर पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि जिनमें प्रतिभा और प्रतिबद्धता है। उनका टीएमसी में स्वागत है। असम और त्रिपुरा को लेकर सितंबर में धीरे-धीरे योजना का खुलासा करेंगे। तृणमूल कांग्रेस में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा।

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