ब्रिटेन ने घटाया तो फिर भारत ने आखिर किन वजहों से बढ़ाया कोविडशील्ड कि दूसरी खुराक के बीच का गैप

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : भारत सरकार ने हाल ही में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की घोषणा की थी। कहा जा रहा है कि सरकार ने ब्रिटेन के आधार पर यह फैसला लिया है। हालांकि ब्रिटेन ने कोविशील्ड टीके की दूसरी डोज का समय 12 से घटाकर 8 सप्ताह कर दिया है।

 

 

एनएचएस इग्लैंड ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। ट्वीट में कहा गया है, आज सरकार ने कहा कि कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक सप्ताह की जगह 8 सप्ताह पर दी जाएगी। लोगों को टीका लगाना जारी रखना चाहिए। इसके लिए एनएचएस से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। जिन लोगों को अपने अफ्वाइंटमेंट को आगे बढ़ाना चाहिए, उन्हें बताया जाएगा कि वे ऐसा करने में कब सक्षम होंगे।

 

 

देश में कोरोना का कहर और वैक्सीन की किल्लत के बीच सरकारी समूह एनटीएजीआई ने कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की थी। इससे पहले के प्रोटोकॉल के तहत कोविशील्ड की दो डोज के बीच छह से आठ सप्ताह का अंतर रखना होता था। एनटीएजीआई ने यह भी कहा था कि जो लोग कोविड-19 से पीड़ित रह चुके हैं उन लोगों को स्वस्थ होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए। पैनल ने कहा था, मौजूदा साक्ष्यों, खासकर ब्रिटेन से मिले साक्ष्यों के आधार पर कोविड-19 कामकाजी समूह कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करने पर सहमत हुआ है।

 

 

अमेरिकी डॉक्टर ने कोविडशिल्ड की दोनों डोज में अंतर को जायज ठहराया
व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फौसी ने भी इसे सही ठहराया है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, जब आप बहुत मुश्किल स्थिति में होते हैं, जैसी स्थिति अभी भारत में है, आपको कोशिश करनी होती है कि आप अधिक से अधिक लोगों को जल्दी से जल्दी टीका लगवा सकें। इसलिए मेरा मानना ​​है कि यह एक उचित दृष्टिकोण है।

 

 

गुरुवार को भारत सरकार ने घोषणा की कि कोविशील्ड की पहली और दूसरी खुराक के बीच का अंतर मौजूदा 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है। यह तीन महीने में दूसरी बार है कि कोविशील्ड खुराक अंतराल को बढ़ाया गया है। सरकार के इस कदम ने एक बार फिर से आलोचना को जन्म दिया है। हालांकि, डॉ. फौसी ने कहा कि भारत सरकार का कदम टीके की प्रभावकारिता के दृष्टिकोण से भी फायदेमंद हैं।

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