नेताओं द्वारा दी जाने वाली दीवाली गिफ्ट पर यह आयोग रख रहा है नजर
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इन सभी पांचों राज्यों में आचार संहिता लागू है व चुनाव आयोग नेताओं के चुनाव प्रचार पर कड़ी नजर रखे हुए है. त्योहारी सीजन आते ही नेता चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह की गिफ्ट्स देते हैं, लेकिन अब मतदाताओं को लुभावन गिफ्ट देना भी नेताओं के लिए सरलनहीं होगा. दरअसल, चुनाव आयोग नेताओं द्वारा दी जाने वाली दीवाली गिफ्ट पर भी नजर रखेगा व यह गिफ्ट्स भी आचार संहित के दायरे में आएंगी.
इस मामले में चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि उम्मीदवार मतदाताओं को दीवाली गिफ्ट के नाम पर अपने पक्ष में न कर सकें. जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग न केवल मतदाताओं को दी जाने वाली गिफ्ट पर नजर रखेगा, बल्कि त्योहारों के दौरान भेजने वाले बधाई संदेशों पर भी नजर रखेगा. आयोग ने उम्मीदवारों द्वारा भेजे जाने वाले बधाई संदेश, दीवाली गिफ्ट व ग्रीटिंग कार्ड को तोहफे की श्रेणी से हटाकर एडवरटाईजमेंट श्रेणी में डालने का निर्णय किया है. आयोग ने इस मामले में जो आदेश दिए हैं, उनके अनुसार, उम्मीदवारों को बल्क मैसेज, टीवी, रेडियो व सार्वजनिक स्थानों पर प्रचार के लिए पहले से एमसीएमसी की अनुमति लेनी होगी.
बता दें कि चुनाव आयोग इस बार आचार संहित को लेकर बेहद कड़ा रुख अपना रहा है. कई तरह की सामग्री को आचार संहित की जद में लाया जा रहा है. चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि उम्मीदवारेां के सोशल मीडिया खातों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी व बल्क मैसेज का जो भी खर्च आता है, उसे भी उम्मीदवार के चुनाव प्रचार के खर्च में जोड़ा जाएगा.