नदी के किनारे मछली पकड़ने गए थे बच्चे, मगरमच्छ ने अकस्मित पकड़ा पैर व फिर…

वैसे तो अक्सर ये सुनने में आता है ही कि मां अपने बच्चे की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकती। वो अपनी जान की परवाह किए बिना कोई भी प्रयत्न करने की लिए तैयार हो जाती है।

30 वर्ष की मौरिना ने रंडे नदी के किनारे मछली पकड़ने जाते समय वहीं पास में अपने बच्चों को खेलने के लिए छोड़ दिया था। कुछ ही देर बाद मौरिना ने अपने 3 वर्ष के बेटे के चिल्लाने की आवाज सुनी व वह दौड़कर जैसे ही वहां पहुंची तो एक मगरमच्छ ने उसे अपने जबड़ों में दबा रखा था।

मौरिना ने बिना अपनी जान की परवाह किए, मगरमच्छ पर हमला कर दिया। मौरिना ने बताया की मैंने उसकी में नाक में उंगली डाल दी, जिससे उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी, इससे पहले की मगरमच्छ उसे काटता मैंने अपने दूसरे हाथ से बच्चे को उसके मुहं से बाहर निकाल लिया।

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