नगालैंड फायरिंग पर संसद में अमित शाह का बयान, बोले-गलत पहचान की वजह से चली गोली

स्टार एक्सप्रेस  : नगालैंड में सुरक्षा बलों की फायरिंग में 13 आम नागरिकों की मौत के बाद मृतकों के परिजनों के दिल में हमेशा चुभने वाली एक टीस जिंदा रह गई है। 4 दिसंबर को सीमावर्ती राज्य में जो कुछ भी हुआ उसपर खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में अपनी बात रखी थी। लेकिन यह भी सच है कि मरने वालों के परिजनों का गम कतई कम नहीं।

इस फायरिंग में 36 साल के लंगतन कोन्याक की भी मौत हुई थी। कोन्याक पेशे से एक किसान थे और कभी-कभी कोल माइनर का काम भी किया करते थे। पिछले साल सितंबर के महीने में उनकी शादी हुई थी और वो अपने पीछे अपनी 2 महीने की बेटी को छोड़ कर गए हैं।

कोन्याक के पिता मोन्याम ने एक वीडियो कॉल में कहा है कि वो अच्छा बेटा था और अपने परिवार को हमेशा खुश रखता था। बेटे की मौत ने उनकी बहू नगमेलम और 2 महीने की बेटी को तनहा कर दिया है। मोन जिला को कोन्याक आदिवासियों की भूमि भी कहा जाता है। यहां लोग निर्दोष नागरिकों की इस हत्या से सदमें में हैं।

मारे गए सभी लोग 25 से 37 साल की उम्र के बीच के हैं। यह सभी लोग लोअर तिरु स्थित कोल माइन से काम कर लौट रहे थे। यह जगह इनके गांव ओटिंग से करीब 15 किलोमीटर दूर है। 13 लोग बीते शनिवार को सुरक्षा बलों की गोलियों के शिकार हुए जबकि एक अन्य गांव वाले की मौत रविवार को प्रदर्शन के दौरान हुई फायरिंग में हो गई।

इस इलाके में कोयला निकालने का काम बरसात के बाद अक्टूबर के महीने से शुरू होता है और अप्रैल तक चलता है। गांव के लोग कोयला खदानों में काम करते हैं ताकि वो इससे अतिरिक्त आय हासिल कर सकें। क्रिसमस नजदीक है लिहाजा इन पैसों की कीमत इस त्योहार में काफी होती है लेकिन इस बार इस त्योहार से पहले यहां मातम पसरा है। ओटिंग गांव में 190 घर हैं और ज्यादातर घर के लोग कोल माइन में पार्ट-टाइम काम करते हैं।

सुरक्षा बलों की गोलीबारी में होकअप कोन्याक भी मारे गये। होकअप के पड़ोसी होसिया कोन्याक ने बताया कि होकअप ने ज्यादा पढ़ाई-लिखाई नहीं की लेकिन वो एक अच्छे इंसान थे। वो 10 सालों तक चर्च एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को ही 37 साल के होकअप की शादी हुई थी। होकअप की मां नेनगम ने कहा कि उनके पिता की मौत साल 2004 में हुई थी।

20 साल की उम्र से ही होकअप अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाते थे। पिछले तीन सालों से वो कोल माइनिंग का काम कर रहे थे। शादी के महज चंद दिनों बाद ही होकअप की मौत ने परिवार को सदमे में डाल दिया है। गांव के लोग एक साथ हुई कई मौतों से जहां गमजदा हैं तो वहीं फायरिंग की इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए भी वो चिंतित हैं। इन घायलों का इलाज डिब्रूगढ़, दीमापुर और मोन जिले के अस्पतालों में चल रहा है।

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