देश के सबसे बड़े प्राइवेट स्कूल सीएमएस स्कूल की मान्यता रद्द
लखनऊ. जाने माने स्कूल सीएमएस की मान्यता को लेकर उठे विवाद पर अब पूर्णविराम लग सकता है। जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए CMS की मान्यता को रद्द कर दिया है। जिला प्रशासन की तरफ से BSA ने स्कूल की मान्यता को खत्म करने की सिफारिश को लेकर CISCI को पत्र भी भेज दिया है। मान्यता को रद्द करने के पीछे राइट टू एजूकेशन (RTI)के तहत रिक्त सीटों पर दाखिला न लेना बताया जा रहा है।
मालूम हो कि CMS के संस्थापक जगदीश गांधी के राजधानी में 1 दर्जन से ज्यादा स्कूल RTI के तहत नि:शुल्क सीट पर दाखिला नहीं लेते हैं। जानकारी के अनुसार 270 में से मात्र 2 बच्चों को निःशुक्ल सीट पर सीएमस ने दाखिला लिया है।
इसके अलावा CMS के तौर तरीकों से अभिभावक भी काफी नाराज़ हैं। योगी सरकार भी CMS की हिटलर शाही से परेशान है। साथ ही जिला प्रशासन को सरकार ने CMS पर सख्ती करने के निर्देश दिये हैं।
मान्यता को लेकर उठे सवालों पर सफाई देते हुए CMS के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी का कहना है कि स्कूल की साख को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने कहा कि शिकायती पत्र मिलने पर उनसे मान्यता संबंधी दस्तावेज मांगे गए थे। स्कूल प्रशासन ने दस्तावेज तो नहीं दिया, पर अपना जवाब भेज दिया है। विभागी स्तर पर जांच चल रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय और प्रवीण श्रीवास्तव ने पत्र के माध्यम से बेसिक शिक्षा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है कि सीएमएस की 18 में से 12 शाखाओं की ही मान्यता है। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि सीआईएससीई की वेबसाइट पर सीएमएस की राजेंद्रनगर की दो शाखा व राजाजीपुरम, अलीगंज, जॉपलिंग रोड और अशर्फदाबाद की शाखा को आईसीएसई व आईएससी द्वारा मान्यता प्रदान करने को लेकर किसी प्रकार ब्यौरा नहीं है।