तीन राज्यों मे बेकाबू हुआ कोरोना कहीं ऑक्सीजन की कमी, तो खराब पड़े हैं वेंटिलेटर

 

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने बीते हफ्ते सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गये हैं। लगातार जारी कोरोना विस्फोट को देखते हुए बीते हफ्ते पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों संग बैठक की थी। इसके बाद पीएम मोदी के निर्देश पर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में स्थिति का जायजा लेने के लिए एक्सपर्ट्स की टीम भेजी गई थी। अब एक्सपर्ट्स की इन टीमों ने बताया है कि आखिर वह कौन सी वजहें हैं जिनकी वजह से कोरोना संक्रमण बेलगाम हो गया है।
एक्सपर्ट्स की टीम ने बताया है कि महाराष्ट्र के तीन जिलों में अस्पताल पूरे भरे पड़े हैं तो वहीं तीन अन्य जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई में समस्या आ रही है। पंजाब में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं है जो सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए हो और साथ ही राज्य में स्वास्थ्यकर्मियों की भी कमी है। वहीं, छत्तीसगढ़ में आरटीपीसीआर टेस्ट की कमी है वहीं, तीन अन्य जिलों में आक्सीजन की आपूर्ति को लेकर समस्याएं हैं, कुछ अन्य जिलों में वेंटिलेटर सही से काम नहीं कर रहे हैं। राज्य के सतारा, भंडारा, पालघर, अमरावती, जालना और लातुर जैसे जिलों में क्षमता से ज्यादा कोरोना जांच हो रही है, जिसकी वजह से टेस्ट रिपोर्ट आने में भी देरी हो रही है। महाराष्ट्र के सर्वाधिक प्रभावित जिलों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी सही से न हो पा रही है।
पंजाब में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी
नगर और रूपनगर जिलों में सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए कोई भी अस्पताल नहीं है, जिसकी वजह से मरीजों को पड़ोसी जिलों या चंडीगढ़ भेजा जा रहा है। रूपनगर में डॉक्टरों और नर्सों की कमी के कारण वेंटिलेटरों का सही से इस्तेमाल तक नहीं हो पा रहा है। पटियाला और लुधियाना में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की सख्त जरूरत है तो वहीं पटियाला में जांच की रफ्तार भी धीमी बताई गई है।

छत्तीसगढ़ के बालोड, रायपुर, महासमंद और दुर्ग जैसे जिलों में कोरोना मरीजों के कारण अस्पताल भर गए हैं। इसके अलावा कुछ जिलों में रेमेडिसविर दवा की भी कमी है। वहीं रायपुर में ऑक्सीजन की बर्बादी भी सामने आई है। वहीं दुर्ग जिले के मरीजों को किसी और अस्पताल भेजने में सबसे बड़ी अड़चन ऐंबुलेंस की कमी को बताया गया है।बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के पांच राज्यों में कोरोना के 70.82 प्रतिशत ऐक्टिव केस हैं। ये पांच राज्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और केरल हैं। अकेले महाराष्ट्र में ही कोरोना के 48.57 फीसदी ऐक्टिव केस हैं।

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