क्या है अल कायदा के आतंकियों का कानपुर कनेक्शन? हथियार और बम-बारूद मुहैया कराने वालों तक पहुंचने मे जुटी ATS

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल :  यूपी एटीएस लगातार आतंक की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है। लखनऊ से अल कायदा के दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अब एटीएस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आतंकियों को बम बनाने का सामान आखिर मिल कहां से रहा है। एटीएस अब आतंकियों के कानपुर कनेक्शन की भी जांच कर रही है। ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आतंकी किन-किन लोगों के संपर्क में थे। साथ ही इस नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं।

 

 

 

 

 

जांच एजेंसी को ये पता चला है कि आतंकी 15 अगस्त के मौके पर कई जगहों पर फिदायानी हमले की प्लानिंग कर रहे थे। अब एटीएस ये भी जानने में लगी है कि आखिर कौन.कौन सी जगह आतंकियों के निशाने पर थीं। एटीएस की टीम आतंकी मिनहाज को पिस्टल मुहैया कराने वाले शख्स तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके साथ ही उनके बैंक अकाउंट की खंगाले जा रहे हैं। ताकि खाते में आ रहे पैसों की जानकारी मिल सके।

 

 

 

 

आतंकी मिनहाज के पास से एटीएस को एक डायरी भी मिली है। जिसमें कई अहम जानकारियां मौजूद हैं। जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि दोनों आतंकी टैलीग्राम ऐप के जरिए दूसरे लोगों के संपर्क में थे। वहीं व्हाट्सऐस और टैलीग्राम की संदिग्ध चैट को भी एटीएस अब डिकोड करने में जुट गई है।

 

 

 

जांच में खुलासा हुआ है कि यूपी में आतंकी की साजिश का मेन चेहरा शकील है। बताया जा रहा है कि शकील को ही यूपी में अलकायदा का नेटवर्क स्ट्रोंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसे ये जिम्मेदारी उमर हल मंडी की तरफ से सौंपी गई थी। अब एटीएस शकील की तलाश कर रही है। अब तक वह एटीएस की गिरफ्त में नहीं आ सका है।

 

 

 

 

जांच में ये भी पता चला है कि कानपुर का एक बड़ा बिल्डर और एक हिस्ट्रीशटर भी इन आतंकियों के संपर्क में था। आरोप है कि ये बिल्जर ही आतंकियों को फंडिंग कर रहा था। वहीं हिस्ट्रीशीटर उन्हें हथियार मुहैया करवाता था। मिनहाज के पास मिली पिस्टल भी कानपुर से ही खरीदी गई थी। इसीलिए ये शक और भी गहरा हो गया है। एटीएस दोनों को हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। करीब 27 लोगों से एटीएस पूछताछ कर रही है। जल्द ही इन में से कुछ की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

 

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