क्या मोदी सरकार ने LPG पर खत्म कर दी सब्सिडी? जानिए कैसे करें चेक

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : मोदी सरकार ने समय-समय पर वृद्धि करके ज्यादातर शहरों में एलपीजी पर सब्सिडी को समाप्त कर दिया है। आम परिवार, जो एक वर्ष में रियायती दरों पर 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडर का हकदार है, और मुफ्त कनेक्शन पाने वाले उज्ज्वला योजना लाभार्थी, अब बाजार मूल्य का भुगतान करते हैं।

 

पांच किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 502 रुपये हो गई है। जुलाई के बाद से घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में यह चौथी वृद्धि है। जुलाई में कीमतों में 25.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद 17 अगस्त और एक सितंबर को 25-25 रुपये की बढ़ोतरी की गई। आगे भी पेट्रोल-डीजल और घरेलू एलपीजी सिलेंडरे की कीमत में कमी की उम्मीद नहीं है। अगर आप को एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी मिल रही है या नहीं तो इसे आसानी से आप चेक कर सकते हैं।

आइए स्टेप बाय स्टेप समझतें हैं पूरा प्रोसेस

आप मोबाइल से http://mylpg.in/ वेबसाइट पर जाएं।
अपना 17 डिजिट का LPG ID भरें।
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भरें, कैप्चा कोड भरें और आगे बढ़ें
एक OTP आपके मोबाइल नंबर पर आएगा।
अगले पेज पर अपना ई-मेल आईडी लिखकर पासवर्ड जेनरेट करें।
ई-मेल पर एक एक्टीवेशन लिंक आएगा, उसे क्लिक करें, लिंक क्लिक करते ही आपका अकाउंट एक्टिवेट हो जाएगा,इसके बाद आप mylpg.in पर जाकर लॉग-इन करें
अगर आपका आधार कार्ड LPG अकाउंट से लिंक है तो उसे क्लिक करें।
इसके बाद View Cylinder Booking History/subsidy transferred के विकल्प दिखेंगे।
यहां से आपको पता चल जाएगा कि सब्सिडी आपके बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है या नहीं।

घरेलू गैस पर सब्सिडी केवल उन्हीं को मिलती है, जिनकी सालाना कमाई 10 लाख से ज्यादा नहीं होती है। अगर पति और पत्नी मिलकर भी 10 लाख कमाते हैं तो उन्हें LPG सब्सिडी नहीं मिलेगी। इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में प्रति सिलेंडर 100 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मई में सऊदी अरब 483 डॉलर प्रति मैट्रिक टन की दर से एलपीजी की आपूर्ति करता था। वहीं, अक्तूबर आते सऊदी अरब ने 797 डॉलर प्रति मैट्रिक टन कर दिया है जिससे कंपनियों को करीब 100 रुपये प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है।

ओपेक प्लस तेल उत्पादक देशों द्वारा उत्पादन में वृद्धि को प्रति दिन चार लाख बैरल पर सीमित करने से अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 82.92 डॉलर प्रति बैरल हो गई है जिसकी वजह से ईंधन की कीमतों में बड़े अनुपात में वृद्धि की जा रही है। यह सात साल का उच्चतम स्तर है। कोरोना टीकाकरण की रफ्तार तेज होने से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था तेजी से खुल रही है। इससे ईंधन की मांग तेजी से बढ़ी है। उस अनुपात में उत्पादन नहीं हो रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत में और तेजी देखने को मिल सकती है। इसका असर भारतीय बाजार पर पड़ना तय है क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। ऐसे में सस्ते ईंधन की उम्मीद नहीं करना ही बेहतर होगा।

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