कोरोना वायरस ने केन्द्र व पश्चिम बंगाल के बीच छेड़ी जंग, सरकार के कामकाज पर उठे ये अहम सवाल…
कोरोना वायरस को लेकर केन्द्र व पश्चिम बंगाल के बीच विवाद का दौर लगातार जारी है। पहले दिल्ली से पश्चिम बंगाल गई इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम ने प्रदेश में कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारियों को लेकर सरकार के कामकाज पर कई सवाल खड़े किए थे।
दो अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईसीएमटी) द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद भल्ला ने यह लेटर लिखा है। ये दोनों टीमें कोलकाता व जलपाईगुड़ी जिलों में 20 अप्रैल से तैनात थीं तथा ये सोमवार को लौटी हैं।
बुधवार को केन्द्र ने प्रदेश को फटकार लगाते हुए बोला कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की जाँच दर बहुत कम है, जबकि बाजारों में ज्यादा भीड-भाड़, लोगों के क्रिकेट, फुटबॉल खेलने व नदियों में नहाने जैसी लॉकडाउन उल्लंघन की घटनाओं के चलते कोविड-19 मरीजों की मौत दर बहुत ज्यादा बढ़ी है।
उन्होंने अपने लेटर में कहा, ‘पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण की जाँच दर आबादी के अनुपात में बहुत कम हो रही है, जबकि प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की मौत दर (किसी भी प्रदेश के मुद्दे में) सर्वाधिक है। ’ इसमें बोला गया है कि प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की मौत दर 13.2 फीसदी है।