किसान आंदोलन से घबराई सरकार ने 5 जिलों में इंटरनेट किया बंद
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में महापंचायत करने के बाद अब किसान संगठन आज (7 सितंबर) हरियाणा के करनाल में महापंचायत कर रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने करनाल समेत 5 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है और धारा 144 लगाई गई है। किसानों की महापंचायत को देखते हुए करनाल छावनी में बदल गया है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। करनाल में 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने महापंचायत बुलाई है।
करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करने के कार्यक्रम से पहले ही प्रशासन ने जिले में लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगा दी। वहीं किसानों की पंचायत (Kisan Mahapanchayat) को देखते हुए करनाल से सटे कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में मोबाइल इंटरनेट सर्विस को 7 सितंबर की रात तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, हरियाणा सरकार ने सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू पाने के लिए करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया है। जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्यरात्रि तक बंद रहेंगी।
आदेश में कहा गया है कि मोबाइल फोन पर SMS, व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि हरियाणा की सभी दूरसंचार सेवा कंपनियों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है। इसके बाद एक और आदेश जारी कर कहा गया कि करनाल से सटे चार अन्य जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।
किसानों की महापंचायत को देखते हुए करनाल में 40 कंपनियां लगाई गई हैं और रिजर्व पुलिस के जवान भी तैनात हैं। इसमें केंद्रीय सुरक्षाबलों की 10 कंपनियां भी शामिल हैं। इसके अलावा ड्रोन से मदद ली जा रही है और वीडियोग्राफी की जा रही है।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रशासन को छह सितंबर तक की डेडलाइन दी थी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सोमवार को बैठक हुई, लेकिन उनकी मांगों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने मंगलवार सुबह विशाल पंचायत बुलाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे, लेकिन अगर प्रशासन हमें रोकता है, तो हम बैरिकेड तोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने का किसानों का कोई प्लान नहीं है।
किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) के बाद लघु सचिवालय जाने से पहले किसानों और प्रशासन की फिर एक बार बातचीत होगी, जहां तक संभव है शांतिपूर्ण तरीके से सब निपट जाए। हालांकि लॉ एंड ऑर्डर ना बिगड़े इसके लिए भी पुलिस की तैनाती है और आम जनजीवन अस्त व्यस्त ना हो इसकी जिम्मेदीरी भी पुलिस को दी गई है।