ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचने के लिए केंद्र ने राज्यों संग बनाया मास्टर प्लान

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : दुनिया भर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत ने बचाव के लिए प्लान तैयार करने को मंथन शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने के लिए मीटिंग की। इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को 6 सूत्रीय प्लान दिया गया है। केंद्र सरकार का कहना है कि यदि इन नियमों का पालन किया गया तो फिर ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में पता चल सकेगा और उससे निपटना भी आसान होगा। हेल्थ सेक्रेटरी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे टेस्टिंग में इजाफा करें ताकि डिटेक्शन हो सके और केसों का मैनेजमेंट भी किया जा सके।उन्होंने कहा कि दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह वैरिएंट आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट्स को चकमा दे सकता है। ऐसे में उन्होंने कहा कि लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अब तक देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट का कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है। लेकिन इससे बचाव के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 6 सूत्रीय प्लान बताया है। इसके तहत कंटेनमेंट जोन तैयार करने, सर्विलांस, टेस्टिंग में इजाफे, हॉटस्पॉट की निगरानी, वैक्सीनेशन के कवरेज में इजाफा और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शामिल है।

इससे पहले 28 नवंबर को भी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को खत लिखकर कहा था कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर पूरी निगरानी रखें। ओमिक्रॉन वैरिेएंट का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में बीते सप्ताह मिला था और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक करार दिया है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अब तक देश में ओमिक्रॉन का कोई केस नहीं मिला है और लोगों की ज्यादा से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है ताकि इसके बारे में पता लग सके। रविवार को ही केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इसके मुताबिक ‘ऐट-रिस्क’ देशों से आने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा। इसके अलावा कुल 5 फीसदी यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग होगी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button