इस मंदिर में आज भी भगवान रात में करने आते हैं ये काम, जिसे देखने-सुनने वाले रह जाते हैं हक्के-बक्के

उत्तराखंड के जिला मुख्यालय से करीब-करीब 40 किमी की दूरी पर कस्बा बदोसराय के नजदीकी गांव किंतूर में रहस्यमयी कुंतेश्वर महादेव मंदिर स्थापित है। इस अनोखे व अद्भुत मंदिर का इतिहास महाभारत से जुड़ा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में आज भी हर रात पांडवों की माता और भगवान कृष्ण की भुआ कुंती भगवान शिव का पूजन करने आती हैं।

मंदिर कोगणपतगंज विष्णु मंदिर के नाम से जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण करोड़ों की लागत से गणपतगंज निवासी जय नारायण मल्लिक के सुपुत्र डॉक्टर पीके मल्लिक के द्वारा किया गया है, जो सन् 2009 से शुरू हुआ था। बताया जाता है इस विष्णु धाम को वरदराज पेरुमल देवस्थान के नाम से भी जाना जाता है।

पूजा करने वाले पुजारी कोई आम पुजारी नहीं बल्कि चेन्नई के प्रसिद्ध विष्णु मंदिरों में पूजा करने वाले शिक्षित पुजारी हैं। इन्हीं के द्वारा मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। बता दें कि ये भव्य मंदिर इस क्षेत्र में पर्यटन और आस्था का प्रमुख केंद्र है। विष्णु भगवान के साथ-साथ मंदिर में अन्य देव-देवताओं की भी मूर्तिया स्थापित है जिनकी पूजा वैष्णव आचार्य करते हैं।

चलिए अब आपको लेकर चलते हैं बिहार के दूसरे प्रसिद्ध विष्णु मंदिर। इस मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु को एक बार जिसने भी देखा वो उसमें ही रम जाता है। एकटकी लगाए बस प्रतिमा को देखता ही रहता है। बिहार के शेखपुरा जिले में बरबीघा-नवादा रोड पर स्थित ये ख़ास विष्णु धाम।

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