इन छोटी योजनाओं में निवेश करना फायदे का सौदा है।

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल: कोरोना संकट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में बड़ी कटौती की है। इसका असर सावधि जमा (एफडी) समेत तमाम दूसरे निवेश माध्यम पर पड़ा है। सरकार ने भी पीपीएफ समेत तमाम छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें लगातार कटौती की है। हाल ही में एक बड़ी कटौती के फैसले को वापस लिया है। छोटी बचत योजना जैसे पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी में निवेश कर सालाना 1.5 लाख रुपये का निवेश कर आयकर छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आयकर की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। कर छूट के साथ यह फायदा है कि इसमें निवेश अपनी आय और बचत के अनुसार निवेशक कर सकते हैं। कोरोना संकट के बाद अधिकांश बैंकों ने सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। अधिकांश बैंक मौजूदा समय में छह फीसदी से कम ब्याज एफडी पर दे रहे हैं जो महंगाई से मुकाबले करने के लिए काफी नहीं है। निवेशकों को नकारात्मक रिटर्न मिल रहा है। वहीं, इस दौर में भी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीफ) पर 7.1% ब्याज, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) पर 6.8% ब्याज और सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) पर 7.6% ब्याज मिल रहा है।

कुछ सालों में म्यूचुअल फंड पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है लेकिन अभी भी ग्रामीण और छोटे शहरों में सबसे अधिक निवेशकों का भरोसा छोटी बचत योजनाओं पर है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इसमें निवेश पर जोखिम बिल्कुल नहीं होता है क्योंकि इसकी गारंटी सरकार लेती है। वहीं, उनको तय समय के बाद रिटर्न मिल जाता है।

1- साल की जमा पर: 5.50%
2- साल की जमा पर: 5.50%
3- साल की जमा पर: 5.50%
5- साल की जमा पर: 6.70%

आरडी: पोस्ट ऑफिस की आरडी पर पहले की तरह 5.8 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलेगा। मेच्योरिटी 5 साल की है।
सीनियर सिटीजंस स्कीम: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर 7.4 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलता रहेगा।
एमआईएस: पोस्ट ऑफिस की एमआईएस पर 6.6 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है।
एनएससपी पर सालाना 6.8 फीसदी का ब्याज मिलेगा।
पीपीएफ: पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश पर 7.1 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा। इसकी मेच्योरिटी 15 साल की है।
सुकन्या समृद्धि स्कीम: इस स्कीम पर 7.6 फीसदी सालाना ब्याज है।

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