अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद बोला तालिबान, उम्मीद है भारत मेरी सरकार के प्रति अपना नजरिया बदलेगा

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल :  तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद भारत को लेकर बयान दिया है। संगठन के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत अपना रुख बदलेगा और उनका साथ देगा (Suhail Shaheen Taliban) प्रवक्ता ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए तालिबान के रोडमैप सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर एक चैनल से बातचीत की है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि वो (भारत) अपनी नीतियों में बदलाव करेगा क्योंकि इससे पहले वो थोपी गई सरकार का पक्ष ले रहे थे। यह दोनों पक्षों, भारत और अफगानिस्तान के लोगों के लिए अच्छा होगा।

 

 

 

तालिबान ने रविवार को राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया थाए जो सरकार के नियंत्रण वाला आखिरी प्रमुख शहर था। जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए  (Taliban in Kabul) काबुल की वर्तमान स्थिति पर बात करते हुए शाहीन ने कहा, हमारे सुरक्षा बलों ने काबुल में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रवेश किया था, ताकि लोगों की संपत्ति को क्षति ना पहुंचे और उनकी जिंदगी बचाई जा सके। इससे पहले हमने अपने सुरक्षा बलों से कहा था कि वह काबुल शहर के दरवाजे पर ही खड़े रहें। लेकिन जब हमें संपत्ति की लूटपाट और गोलीबारी की खबर मिली तो हमारे नेतृत्व ने सुरक्षा बलों से काबुल में प्रवेश करने को कहा और सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथों में ली।

 

 

 

भारत सहित कई देशों ने अपने राजनयिकों और नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाई है। शाहीन ने कहा कि तालिबान सभी विदेशी दूतावासों को सुरक्षा प्रदान करेगा  (Taliban on Relations With Other Countries) उन्होंने कहा, अभी स्थिति ये है कि हम सभी दूतावासों और राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करेंगे। दूसरे देशों में हमारे दूतावास को लेकर कोई भी फैसला सरकार बनने के बाद तय किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने तालिबान की अंतर्राष्ट्रीय नीति के बारे में जानकारी दी और बताया कि नई सरकार दुनिया के साथ कैसा रिश्ता बनाकर रखेगी।

 

 

 

सुहैल शाहीन ने कहाए अंतरराष्ट्रीय संबंधों में दुनिया के सभी देशों के साथ सहयोग करना ही हमारी नीति है। अब एक नया अध्याय खुला है, वह है देश का निर्माण करना और लोगों का आर्थिक विकास करना (Taliban Government in Afghanistan) ये सभी देशों के बीच शांति का एक अध्याय है, खासकर हमारे आस-पास के देशों के साथ। सरकार को किस तरह चलाया जाएगा, इसपर तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, पहले हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं था लेकिन 20-25 साल के बाद हमें सरकार चलाने और दूसरे देशों के साथ संबंध स्थापित करने का अनुभव है। हम अपने देश के पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय एकता पर भी ध्यान देंगे।

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