अटल के देहावसान पर हो रही राजनीति से क्षुब्ध हैं भतीजी

भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को लेकर 29 राज्यों में अस्थि कलश यात्रा निकाल रही है। इससे उनकी भतीजी और भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुकीं करुणा शुक्ला क्षुब्ध हैं। उनका कहना है कि अटलजी के नाम पर जो राजनीति हो रही है उससे वह व्यथित हैं। उनका कहना है कि पिछले 10 सालों से वाजपेयी को पूरे परिदृश्य से गायब कर दिया गया था। इस दौरान जो चुनाव हुए उनमें उनका नाम लेना तो दूर, पोस्टर बैनर में उनकी तस्वीर तक को जगह नहीं दी गई।
शुक्ला ने कहा, ‘इस साल कुछ राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और भाजपा को अपनी नैया डूबती हुई दिखाई दे रही है तो अचानक उन्हें वाजपेयी तिनके का सहारा दिखने लगे हैं। नया रायपुर से लेकर विश्वविद्यालय का नाम अटल बिहारी वाजपेयी रखने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने लिया है, वह बताएं कि इससे पहले 10 साल में कितनी बार उन्होंने अटल को याद किया। प्रदेश की जनता यह आडंबर समझती है। अटलजी की प्रतिमाएं लगाने का मकसद केवल वोट की राजनीति है। उन्होंने कहा कि अटल के जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा, राजीव और सोनिया गांधी तक से आत्मीय संबंध थे लेकिन आज भाजपा मानवीय संबंधों का सम्मान करना भूल चुकी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण लाल कृष्ण आडवाणी का पार्टी में हो रहा अपमान है।’इसी बीच बुधवार को जब वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा रायपुर पहुंची तो श्रद्धांजलि सभा के दौरान मंच पर मौजूद दो मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ठहाके लगाते हुए दिखाई दिए। दोनों मंत्रियों को देखकर बगल में बैठे भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक असहज हुए और उन्हें डांट लगाई। इसके बाद दोनों मंत्री चुप हो गए। यह घटना उस समय घटित हुई जब अस्थि कलश यात्रा भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर पहुंची थी। कार्यक्रम के दौरान अजय चंद्राकर ने राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय को मोबाइल पर डेंगू की बीमारी से संबंधित कुछ क्लिपिंग दिखाई। जिसके बाद दोनों मंत्री किसी बात को लेकर हंस पड़े। इसी दौरान चंद्राकर टेबल ठोककर ठहाके लगाने लगे जिसमें बृजमोहन ने भी उनका साथ दिया।

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