अगर गांव में हुआ बाल विवाह, तो निपट जाएंगे सरपंच!

बाल विवाह को लेकर भारत की हालत चिंताजनक है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में बाल विवाह की दर कम होने के बावजूद बाल विवाह के लिए बदनाम टॉप टेन देशों में भारत पहले नंबर पर है। जबकि पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान में भारत के मुकाबले कम बाल विवाह होते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार ने सिफारिश की है कि गांवों में बाल विवाह को लेकर सरपंचों को भी जवाबदेह बनाया जाए।

बाल विवाह का औसत गिरा, फिर भी दुनिया में नबंर वन
बुधवार को बाल विवाह पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सेक्रेटरी जनरल अंबुज शर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए शर्म की बात है कि पिछले कुछ समय में बाल विवाह दर में कमी आने के बाद भी बाल विवाह बदस्तूर जारी हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय औसत के हिसाब से लड़कियों के बाल विवाह का आंकड़ा 47.4 प्रतिशत से गिरकर 26.8 प्रतिशत हो गया है, जबकि लड़कों में यह दर 32.3 फीसदी से गिर कर 20.3 फीसदी हो गई है।

वहीं विश्व स्तर की बात करें तो बाल विवाह के लिए बदनाम देशों की सूची के मुताबिक भारत में सालाना 10 हजार 63 बाल विवाह हुए। वहीं बांग्लादेश 2 हजार 359 के साथ दूसरे और 600 बालविवाह के साथ पाकिस्तान पांचवें नंबर पर रहा।

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