अखिलेश यादव की करीबी रिस्तेदार वंदना यादव को नही मिले प्रस्तावक, चुनाव से पहले ही आउट

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर नामांकन के दौरान प्रस्तावक और अनुमोदक न मिलने से अखिलेश यादव की सरहज अब चुनाव से ही बाहर हो गई हैं। उन्हें नामांकन के लिए प्रस्तावक और अनुमोदक भी नहीं मिले।

 

 

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में नया मोड़ आ गया है। समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों के बीजेपी के खेमे में चले जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरहज और एसपी उम्मीदवार वंदना यादव लड़ाई से बाहर हो गईं। हालत यह रही कि नामांकन के लिए उन्हें प्रस्तावक और अनुमोदक भी नहीं मिले। इस वजह से वंदना यादव चुनाव से पहले ही लड़ई से ‘आउट’ हो गईं। जिले में अब बीजेपी और निषाद पार्टी के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होगा।

 

 

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए शनिवार को कलेक्ट्रेट में नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई जो दोपहर 3 बजे तक चली। नामांकन के लिए बीजेपी की उम्मीदवार जयंती राजपूत ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन पत्र दाखिल किया। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार दुम्यंत सिंह ने पर्चा दाखिल किया। इन्हें निषाद पार्टी ने समर्थन भी दिया है। नामांकन के दौरान राठ क्षेत्र की विधायक मनीषा अनुरागी समेत अन्य पार्टी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

 

 

समय बीत जाने के बाद भी एसपी उम्मीदवार वंदना यादव नामांकन करने नहीं आ सकी। नामांकन के लिए उन्हें न तो प्रस्तावक मिले और न ही अनुमोदक। जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने बीजेपी और निर्दलीय उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच की और विधि मान्य करार दिया।

 

 

जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए दूसरी पारी खेलने का सपना संजोए अखिलेश यादव की सरहज वंदना यादव को शनिवार को बड़ा झटका मिला। पार्टी के सदस्यों ने ही भितरघात करते हुए नामांकन से पहले ही उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया है। एसपी उम्मीदवार के पति पुष्पेन्द्र यादव ने बताया कि उनके दो सदस्यों को सुबह ही उठवा लिया गया जबकि एक सदस्य ही उनके सम्पर्क में रहा। उन्होंने बताया कि नामांकन के लिए एक प्रस्तावक और एक अनुमोदक की जरूरत थी लेकिन वे मौके पर नहीं मिले। ऐसे में यह बाजी उनके हाथ से निकल गई।

 

 

जिला पंचायत की 17 सीटों में बीजेपी को चार, एसपी को चार, बीएसपी को दो और निषाद पार्टी को एक-एक सीट मिली थी। वहीं 6 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती थीं। जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए नौ सदस्यों की जरूरत है। बीजेपी और एसपी के उम्मीदवार निर्दलीय सदस्यों को अपने पाले में करने की कवायद में लगे हैं लेकिन अब एसपी उम्मीदवार इस चुनाव से आउट हो गई हैं।

 

 

Related Articles

Back to top button