भाजपा बनाम सपा: जानिये कैसा रहेगा जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव का गुणा-गणित, क्या विधानसभा चुनाव पर भी रहेगी इसकी छाया

 

अंकुश यादव

उत्तर प्रदेश में लगातार सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने आखिरी लम्हे में ऐलान किया है कि उनकी पार्टी UP जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। इस वजह से यह चुनाव अब सीधे-सीधे बीजेपी बनाम सपा हो गया हैं। माना जा रहा है विधानसभा चुनाव पर भी इस चुनाव की छाया पड़ सकती है।

 

कुल तकरीबन 3050 जिला पंचायत सदस्य हैं जो 75 जिला पंचायत अध्यक्ष चुनेंगें। बसपा के 319 सदस्य हैं जो यानी करीब 10 फीसदी वोट है। सपा और बीजेपी के करीब 750-750 वोट हैं। बीएसपी ने अभी इशारा नहीं किया है कि उसके वोट किस तरफ जाएंगें लेकिन बीजेपी बढ़त का दावा कर रही है। भाजपा के 17 उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाने हैं। इन सीटों पर सपा के उम्मीदवार भी नहीं है। अखिलेश यादव का दावा है कि बीजेपी ने डरा-धमका कर छल-कपट से उम्मीदवारों को हटाया। सीएम योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में सपा के उम्मीदवार को नामांकन करने से जबरन रोका गया। शनिवार को अखिलेश यादव ने 11 जिला अध्यक्षों को हटाये जाने का ऐलान किया। अखिलेश इस बात से नाराज हैं कि पार्टी उम्मीदवार अपना पर्चा तक नहीं भर सके।

 

हांलाकि उत्तर प्रदेश में लोकल इलेक्शन में निर्विरोध चुना जाना कोई नई बात नहीं है। 2016 में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो समाजवादी पार्टी उस समय जो जिला पंचायत चेयपर्सन का चुनाव लड़ी थी उनके 75 में से 60 कैंडीडेट जीते थे जिसमें से 30 निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से बिलकुल लगे किसी भी चुनाव के नतीजे काफी अहम हैं। शनिवार को वोट भी पडेंगें और नतीजे भी आ सकते हैं।

 

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