प्रवक्ता पद न मिलने पर बिफरी पंखुरी पाठक, अखिलेश यादव के खिलाफ खोला मोर्चा बताया वैचारिक शून्य

लखनऊ. समाजवादी पार्टी में तेजी से अपनी जगह बना रही पंखुड़ी पाठक ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। आज जारी हुई समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं की लिस्ट में जगह न मिलने पर हैरान पंखुड़ी ने सोशल मीडिया पर भी अपना दर्द बताते हुए लिखा कि 8 साल पहले जो नेतृत्व दिखता था वह अब नहीं दिखा रहा है। इसकी वजह से अपनी पारी को वह खत्म कर रही हैं।

गौरतलब है कि पंखुड़ी पाठक को समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव और डिम्पल यादव का भी काफी करीबी माना जाता था। समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान भले ही पंखुड़ी को कोई पद न मिला हो, लेकिन प्रवक्ताओं की हिट लिस्ट में रही हैं।

हाल ही में अंग्रेजी पत्रिका सोशलिस्ट फैक्टर को लेकर कमेंट कर विवादों में घिरी पंखुरी इससे निकल नहीं पाईं। यहां तक कहा जाता है कि पंखुड़ी ने इससे पहले जब अखिलेश यादव सरकार में 86 में 56 यादव एसडीएम की खबर फर्जी तरीके से लिखी जा रही थी, तो पंखुरी ने कोई बयान न देकर फर्जी खबरों की ही पुष्टि कर दी थी।

हाल ही में कांवड़ यात्रा और नमाज को लेकर भी पंखुड़ी पाठक ने विवादित बयान दिया था। इस दौरान भी सोशल मीडिया पर पंखुड़ी पाठक को ट्रोल किया गया था। सामाजिक संगठन यादव सेना के निशाने पर भी पंखुड़ी पाठक रही हैं। इसके पहले भी पंखुड़ी ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अखिलेश यादव ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था।

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