रूस में आज विक्ट्री-डे मनाया जा रहा है जाने पूरी जानकारी

रूस आज द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी पर जीत हासिल करने का जश्न मना रहा है

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

डेक्स: रूस आज द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी पर जीत हासिल करने का जश्न मना रहा है रूस में आज विक्ट्री-डे तौर पर जाना जाता है।Victory Day के मौके पर राजधानी मॉस्को में रेड स्क्वायर पर परेड का आयोजन किया जा रहा है। इसी दिन सोवियत यूनियन ने वर्ल्ड वॉर 2 में नाजी जर्मनी को हराया था।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन क्रेमलिन से रेड स्क्वायर पहुंचे जहां परेड का आयोजन किया गया। विक्ट्री डे पर अपनी 10 मिनट की स्पीच के दौरान पुतिन ने कहा- नाजियों की हार को 78 साल बाद एक बार फिर से रूस और पूरी दुनिया पर खतरा मंडरा रहा है। रूस के खिलाफ असली युद्ध की शुरुआत हो चुकी है।

पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ चल रही जंग की तुलना नाजियों के साथ हुए युद्ध से की। उन्होंने कहा- यूक्रेन के लीडर्स दुनिया के नए नाजी हैं। यूक्रेन जंग ने वैश्विक समुदाय को एक ब्रेकिंग पॉइंट पर ला दिया है। रूस भविष्य में शांति स्थापित करना चाहता है लेकिन पश्चिमी देश ऐसा नहीं चाहते। वो लगातार लोगों में नफरत और रशोफोबिया (रूस के खिलाफ नफरत और डर) की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं। वो सिर्फ हमारे देश को बर्बाद करना चाहते हैं। यूक्रेनी नागरिक पश्चिमी देशों के बुरे मंसूबों के गुलाम बन गए हैं।

शामिल हुए 6 देशों के लीडर्स 

विक्ट्री डे सेलिब्रेशन में उन 6 देशों ने भी हिस्सा लिया जो कभी सोवियत संघ में शामिल थे। कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, आर्मेनिया, उजबेकिस्तान, तजीकिस्तान और बेलारूस के लीडर्स पुतिन के साथ नजर आए। सभी ने रेड स्क्वायर पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मारे गए रूसी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान 125 मिलिट्री व्हीकल्स और 10 हजार रूसी सैनिकों ने परेड निकाली। इसमें रूस की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल और S-400 मिसाइल सिस्टम भी शामिल थे। हालांकि, कुछ दिन पहले ही क्रेमलिन पर हुए ड्रोन अटैक को देखते हुए इस साल परेड में कोई मिलिट्री फ्लाईपास्ट नहीं निकाला गया।

पुतिन बोले- इन्हीं सैनिकों पर टिका देश का भविष्य

भाषण की शुरुआत करते हुए पुतिन ने सभी साथी देशों का परेड में शामिल होने के लिए धन्यवाद किया। इसके बाद उन्होंने वर्ल्ड वॉर 2 में मारे गए सैनिकों की याद में 1 मिनट के मौन की घोषणा की। पुतिन बोले- देश के लिए उसके सैनिक जंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यूक्रेन में जो सैनिक रूस के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का हिस्सा हैं, मुझे उन पर गर्व है। रूस का भविष्य इन्हीं सैनिकों पर टिका हुआ है।

जेलेंस्की ने रूस की तुलना नाजियों से की

इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस की तुलना नाजियों से की थी। यूरोप डे के मौके पर एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए जेलेंस्की ने कहा था- जिस तरह वर्ल्ड वॉर 2 में नाजियों को हार मिली थी उसी तरह इस जंग में दुष्ट रूस को भी हार का सामना करना होगा। हमने तब जैसे साथ मिलकर बुराई का अंत किया था वैसे ही अब भी करेंगे। रूस नई बुराइयों को बढ़ावा दे रहा है लेकिन हम नाजियों की तरह ही उनका भी अंत करेंगे।

9 मई 1945 को रूस ने नाजी जर्मनी को हराया था

 9 मई 1945 को पहला विक्ट्री डे मनाया था। तब जर्मनी ने USSR के सामने सरेंडर कर दिया था। 1945 में सेकेंड वर्ल्ड वॉर खत्म होने के बाद साथी देशों ने 8 मई को जीत घोषित करते हुए इसे यूरोप डे नाम दिया था। हालांकि, इस बीच सोवियत संघ इंतजार कर रहा था जर्मनी ऑफिशियल तौर पर अपनी हार स्वीकार कर ले। जब नाजियों ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए तब तक आधी रात हो चुकी थी, इसलिए रूस 9 मई को विक्ट्री डे मनाता है।

रूस का विक्ट्री डे उसके उन सैनिकों की कुर्बानी के प्रति सम्मान है जो दूसरे विश्व युद्ध में मारे गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस जंग में सोवियत संघ के 80 लाख सैनिक मारे गए थे। रूस में इसे ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर कहा जाता है।

 

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