मुआवजे के लिए युवकों ने गांव से शुरू की लखनऊ की पदयात्रा

मां ने नम आंखों से कलेक्ट्रेट से बेटों को दी विदाई

स्टार एक्सप्रेस/ संवाददाता  

बहराइच। जिले के रमपुरवा गांव निवासी एक महिला का लगभग एक बीघा जमीन सड़क निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी ने खरीद लिया था। लेकिन चार वर्ष से जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी की लारवाही से अभी तक जमीन का मुआवजा नहीं मिल रहा है। जबकि कई बार एडीएम की अध्यक्षता में समिति की बैठक भी हो चुकी है। ऐसे में एक अक्टूबर से गांव से महिला के बेटों ने लखनऊ के लिए पद यात्रा निकाली है। शनिवार को कलेक्ट्रेट से मां ने बेटों को नम आंखों से आशीर्वाद देकर विदाई दी। सभी ने मुआवजा के लिए मुख्यमंत्री से न्याय की उम्मीद जताई है।

तेजवापूर विकास खंड के ग्राम पंचायत रमपुरवा गांव राहुल अवस्थी पुत्र उमाकांत की लगभग एक बीघा जमीन महसी संपर्क मार्ग में रोड़ा बनने लगी। जिस पर वर्ष 2018 में पीडब्ल्यूडी और तहसील महसी के उपजिलाधिकारी ने जमीन देने की मांग की। इसके लिए मुआवजा देने की बात कही। इस पर राहुल, भाई अभिषेक, प्रभात कुमार और मां शांति देवी ने आपस मे वार्ता कर जमीन दे दी।

जमीन पीडब्ल्यूडी विभाग लेने के बाद मुआवजा सर्किल रेट से देने से इंकार कर दिया। सभी सरकारी दर पर 10 लाख का भुगतान करने की बात कह रहे हैं। राहुल ने बताया कि सर्कल रेट से उसका लगभग 59 लाख रुपए बन रहा है। भुगतान के लिए पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन और एडीएम के साथ एसडीएम की अगुवाई में समिति की बैठक भी दो बार हो चुकी है।

Also Read-

बच्चों को दी गई दशहरा व विजय दशमी की जानकारी

लेकिन भुगतान के नाम पर सभी टाल मटोल कर रहे हैं। ऐसे में परेशान राहुल ने अपने भाई और मां के साथ एक अक्टूबर से गांव से पैदल पद यात्रा शुरू कर दी है। शनिवार को यात्रा कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां से राहुल और अभिषेक लखनऊ के लिए रवाना हुए। मां शांति देवी ने दोनों बेटों को नम आंखों से आशीर्वाद देकर विदाई दी। राहुल ने बताया कि लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से मुआवजा के लिए मांग करेंगे। मुख्यमंत्री से ही न्याय की उम्मीद है।

जगह जगह लग गई एलआईयू

चार वर्ष से मुआवजा की मांग करने वाले परिवार की सुधि लेने वाला कोई नहीं दिखा। जब शनिवार से राहुल अपने भाई के साथ लखनऊ मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पैदल रवाना हुआ तो इसकी जानकारी मिलते ही एलआईयू सक्रिय हो गई। शहर के किसान डिग्री कॉलेज, गोलवघाट तक सभी ने मनाने का प्रयास किया। लेकिन युवकों ने किसी का न सुनी।

Related Articles

Back to top button