यूपी सरकार की एक गलती की सजा अब भुगतेंगें 10 लाख छात्र, दोबारा देंगे परीक्षा

लखनऊ. पीसीएस परीक्षा में एक बड़ी चूक होने के बाद से एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार की एक बार फिर से नाकामी नजर आई है। योगी सरकार की एक मात्र गलती के कारण उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की तरफ से आयोजित भर्ती परीक्षा जिसमें 41520 अभ्यर्थियों का चयन किया जाना था, निरस्त कर दी गई है। यह परीक्षा 18 और 19 जुलाई को प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में आयोजित की गई थी।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की तरफ 41250 पदों के लिये सीधी भर्ती होनी थी। जिसके तहत 18 और 19 जुलाई 2018 को लिखित परीक्षा संपन्न कराई गई थी। यह परीक्षा दो पलियों में प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में आयोजित की गई थी।

दूसरी पाली की परीक्षा रद्द

लेकिन इस परीक्षा में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। दो केंद्रों पर परीक्षा के गलत प्रश्नपत्र बांट दिए गये थे। जिसके बाद लगातार छात्र विरोध कर रहे थे और अंतत: दोनों दिनों की दूसरी पाली की पूरी परीक्षा रद्द कर दी गई है। परीक्षा के रद्द होने से इसमें सम्मिलित 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को अब दूसरी पाली की परीक्षा दोबारा देनी पड़ेगी। परीक्षा की नई तिथियों का ऐलान जल्द ही किया जाएगा।

दोषियों के विरुद्ध FIR दर्ज

बोर्ड ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार केद्र व्यवस्थापक, पुलिस प्रेक्षक, परीक्षा कराने वाली संस्था के प्रतिनिधि एवं अन्य दोषियों के विरुद्ध FIR दर्ज कराने का फैसला किया है। परीक्षा के दो-तीन दिनों बाद ही कुछ स्थानों से यह सूचना आई कि दोनों पालियों में एक ही प्रश्नपत्र बांट दिए गए।

TCS से मांगा गया जवाब 

इस सूचना पर भर्ती बोर्ड ने परीक्षा कराने वाली संस्था ‘टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज’ (TCS) से जवाब मांगा। पहले तो TCS ने बताया कि वर्तमान में OMR शीट की स्कैनिंग का कार्य चल रहा है इस कारण पूरी सूचना दिए जाने में समय लगने की संभावना है। साथ ही यह भी कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह सूचना गलत लग रही है क्योंकि यदि ऐसा हुआ होता तो केंद्र पर्यवेक्षकों एवं अन्य माध्यमों से भी यह सूचना मिली होती।

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह सब कब तक चलता रहेगा। लगातार परीक्षाओं में हो रही धांधली कब रुकने का नाम लेगी। इसके लिए सरकार को सख्त से सख्त से नियम न केवल बनाने होंगे बल्कि उन्हें लागू भी करना होगा।

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