शिवपाल ने किया समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन, तो मुलायम ने लिया यह फैसला

लखनऊ. समाजवादी पार्टी में बीते डेढ़ साल से उपक्षित चल रहे शिवपाल यादव का आखिरकार सब्र का बांध टूट ही गया। शिवपाल ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा की घोषणा की है। हालांकि उन्होंने साफ किया है कि वे समाजवादी पार्टी को नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेक्युलर मोर्चे के तहत सपा में उपेक्षित नेताओं और अन्य छोटे दलों को जोड़ने का काम किया जाएगा

शिवपाल यादव ने कहा, “मैंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है। जिस किसी का भी समाजवादी पार्टी में सम्मान नहीं हो रहा उन्हें हमारे साथ आना चाहिए। हम अपने साथ छोटी पार्टियों को भी जोड़ेंगे।”

बातचीत में शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी में जाने की अफवाह गलत है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में नेताजी (मुलायम सिंह) का सम्मान न होने से आहत हैं। इसी तरह कई नेता ऐसे हैं जिनको पार्टी में उपेक्षित रखा गया है। शिवपाल ने कहा कि उन्हें भी किसी भी मीटिंग में नहीं बुलाया जाता। शिवपाल ने कहा इस मोर्चे के सहारे उपेक्षित दलों को भी जोड़ा जाएगा। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा यूपी में नया सियासी विकल्प होगा।

इससे पहले सोमवार और वुधवार को शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव से लोहिया ट्रस्ट में मुलाकात की। दोनों के बीच सेक्युलर मोर्चे के गठन और उसे मजबूत करने को लेकर मंत्रणा हुई। इसके बाद भाजपा की सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी मंगलवार शाम को शिवपाल से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात पर शिवपाल ने कहा कि सभी छोटे दलों को इस मोर्चे से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो सपा में हाशिए पर पहुंच चुके शिवपाल यादव ने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए इस मोर्चे का गठन किया है। इस मोर्चे में मुलायम सिंह भी रहेंगे। यह मोर्चा यूपी में उपेक्षित और वंचितों को अपने साथ लाकर संगठन को मजबूत करेगा।

फोटो- फाइल।।

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