जमीन अधिग्रहण मामले में हाईकोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती को दी बड़ी राहत

इलाहाबाद. जमीन अधिग्रहण मामले में हाईकोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती को दी बड़ी राहत ने बादलपुर गांव की इस जमीन पर अवैध निर्माण की CBI जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी।

आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मायावती के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में नोएडा के बादलपुर गांव की जमीन को अधिग्रहण मुक्त कराकर बेचने का आरोप था। याचिकाकर्ता संदीप भाटी ने इस जमीन पर अवैध निर्माण की CBI जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी।

इस मामले की सुनवाई करते हुए आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंण्डपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले 2017 में हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इनके पिता प्रभु दयाल व भाई आनन्द कुमार को नोटिस जारी किया था। इन पर आबादी की 47433 वर्गमीटर खेती की जमीन को आबादी घोषित कराकर करोड़ों के मुआवजे के घोटाले का आरोप है। याचिका में इनके खिलाफ CBI जांच की मांग की गई थी।

बता दें कि इस जमीन पर बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का विशाल भवन बना हुआ है। जिस जमीन पर भवन बना हुआ है, पहले वह मायावती और उनके पिता प्रभुदयाल के नाम पर थी। इसके बाद में मायावती ने दान रजिस्ट्री से इसे भाई आनंद कुमार व एक अन्य के नाम करा दिया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि मायावती ने सत्ता का दुरुपयोग कर जमीन का प्राधिकरण से आवंटन कराया है। मायावती ने 2002-2005 के बीच गांव के आधा दर्जन किसानों से 50 बीघा जमीन खरीदी थी। इस मामले में आरोप है कि जमीन पर बिना किसी निर्माण धारा-143 (आबादी) घोषित करा दी गई।

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