12 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम करेगी सेना
विदेश से खरीदने के प्रस्ताव को भी दी मंजूरी
इसी साल की शुरुआत में रक्षा मंत्रालय ने 72,400 असॉल्ट राइफल्स तो विदेश से खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इनकी लागत 1,798 करोड़ रुपये है। इनकी खासियत है कि यह लंबी दूरी की मार करने वाली राइफलें हैं जो कि चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात सैनिकों को मिलेंगी। इससे देश की रक्षा पहले से भी अधिक मजबूत हो जाएगी। वहीं अन्य सैनिकों को भी ऐसी ही कम रेंज वाली राइफलें दी जाएंगी।
8.16 लाख कैलिबर असॉल्ट राइफल्स की है जरूरत
जानकारी के मुताबिक सेना, नेवी और भारतीय वायुसेना को कुल 8.16 लाख कैलिबर असॉल्ट राइफल्स की जरूरत है। हाल ही में आर्मी चीफ बिपिन रावत ने भी कहा था कि 12 लाख की सेना को ये महंगी राइफलें नहीं दी जा सकतीं क्योंकि बजट का अभाव है। लेकिन जहां तक इन हाइटेक राइफल्स का सवाल है तो ये केवल इन्फैंट्री बटालियनों में तैनात सैनिकों को ही दी जाएंगी। साथ ही ऐसी राइफलें बड़ी संख्या में मेक इन इंडिया प्रॉजेक्ट के तहत ही तैयार की जाएंगी।