हिरासत में ब्रेनवॉश करने वाले मुस्लिम हिरासत में
इस्लाम से भरोसा खत्म करने व अपने ही समुदाय के खिलाफ लेख लिखने को किया जा रहा प्रेरित
स्थानीय सूचना के मुताबिक माओ शासन के बाद धार्मिक विचार परिवर्तन और चीन की सरकार के प्रति वफादारी के लिए इतने बड़े स्तर पर पहली बार यह अभियान चलाया जा रहा है। इन कैंपों में लाने के लिए उइगर मुस्लिम समुदाय के लोगों को धड़ाधड़ हिरासत में लिया जा रहा है, जबकि संयुक्त राष्ट्र में पिछले माह ही चीन ने कहा था कि उसके यहां ऐसा कोई कैंप नहीं चल रहा है। इन कैंपों में मुस्लिमों को इस्लाम के प्रति उनका भरोसा खत्म करने और अपने ही समुदाय के खिलाफ आलोचनात्मक लेख लिखने को प्रेरित किया जा रहा है।
2014 के बाद चीनी राष्ट्रपति ने उठाए बेहद कठोर कदम
इमारत के प्रशिक्षण कैंप में मुस्लिमों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में गीत गाने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है। 41 वर्षीय अब्दुसलाम मुहमेत ने बताया कि उन्हें चीनी पुलिस ने उस वक्त हिरासत में ले लिया जब वे एक अंतिम संस्कार से लौटते वक्त कुरान की आयतें दोहरा रहे थे उन्हें भी एक ऐसे ही कैंप में प्राचीन शहर ओआसिस ले जाया गया जहां कई उइगर मुस्लिम मौजूद थे। यहां मुस्लिमों का ब्रेनवॉश करते हुए उन्हें पुरानी जिंदगी भूलकर उइगर मुसलमान के बतौर पहचान जल्द खत्म करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
चीनी उत्पीड़न से दुखी हैं शिनझियांग से भागे उइगर
चीन में मुस्लिम बहुल क्षेत्र शिनझियांग से भागे 48 वर्षीय तारिम ने बताया कि कैंपों में मुसलमानों पर किस हद तक अत्याचार होते हैं। वह चीन में रहते हुए बेहद कष्ट में था और अब वहां से अपनी बहन जोहरा को किसी भी तरह निकालना चाहता है। जोहरा इस वक्त अक्सु शहर में री-एजुकेशन कैंप में भेज दी गई है क्योंकि उसने तारिम और उनकी मां के साथ 2016 में टर्की की यात्रा की थी। जोहरा को 3000 अन्य उइगरों के साथ सैन्य अड्डे से कुछ किलोमीटर दूरी पर रखा गया है।
विश्व बिरादरी को चीन पर लगाना चाहिए प्रतिबंध
दुनिया में मानवाधिकारों पर निगाह रखने वाली संस्था एचआरडब्ल्यू ने कहा है कि चीन में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले व्यवहार को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह उस पर प्रतिबंध लगा दे। यहां बड़े पैमाने पर लाखों लोगों को हिरासत में रखा जा रहा है। एचआरडब्ल्यू ने पिछले माह शिनझियांग में नस्ली भेदभाव होने की शिकायतें भी बताईं।