सुप्रीम न्यायालय खारिज कर दी लालू यादव की जमानत याचिका

सुप्रीम न्यायालय ने बिहार के पूर्व CM  राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है. वह इस वक्त चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं. लालू ने सेहत के आधार पर जमानत की मांग की थी. झारखंड न्यायालय से याचिका खारिज होने के बाद लालू ने सुप्रीम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

फिल्हाल लालू का रांची के रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में उपचार चल रहा है. उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले CBI ने सुप्रीम न्यायालय में इसका विरोध किया था. CBI ने मंगलवार को बोला था कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर लालू यादव राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होकर जमानत का गलत प्रयोग कर सकते हैं. CMपद पर रहते हुए भी उन्होंने पद का दुरुपयोग किया था.

लालू को चारा घोटाले का मुखिया बताते हुए CBI ने बोला था कि लालू को चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. उन्हें 27.5 साल कैद की सजा मिली हुई है, लेकिन अब तक उन्होंने महज 20 महीने कैद की सजा काटी है. न्यायालय ने पहले से ही उनके सेहत की निगरानी रखने का आदेश दिया है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष CBI ने हलफनामा दाखिल कर बोला था कि राजद प्रमुख ने न्यायालय में चिकित्सकीय आधार के साथ 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी को नेतृत्व करने के आधार पर जमानत मांगी थी, लेकिन न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी.

बिहार के लोगों के लिए 1980 के दशक के बाद ये ऐसा पहला चुनाव है जो लालू की मौजूदगी के बिना लड़ा जा रहा है. राजद पार्टी की कमान बेशक उनके हाथ में है लेकिन उनके बेटों के बीच कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है.  लालू राबड़ी मोर्चा बनाकर दो जगहों से उम्मीदवार उतारने की बात कही है.

गवाहों को कर सकते हैं प्रभावित 

CBI का कहना है कि उनपर अभी भी सरकारी खजाने के दुरुपयोग करने के दो मुकदमे चल रहे हैं. दोनों ही मामलों में अभियोजन पक्ष की गवाही चल रही है. यह अहम चरण है. जमानत मिलने से लालू गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.

Related Articles

Back to top button