सावधान! अब भीड़ वाली जगह पर इन लक्षणों से की जाएगी कोरोना के मरीज़ की पहचान

कोविड के खतरे से निपटने के लिए कई स्तरों पर तकनीक विकसित करने के कोशिश हो रहे हैं. खासकर, तब जब यह माना जा रहा है कि लोगों को आगे कोविड के साथ ही जीना होगा.इस बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित कुछ ऐसी तकनीक विकसित की गई हैं जो आने वाले समय में रोगियों की पहचान में जरूरी साबित हो सकती हैं.

वैज्ञानिकों ने एक फीवर डिटेक्शन सिस्टम तैयार किया है जो चेहरे खासकर आंखों के कोरों से बुखार की पहचान करने में सक्षम है. यह तकनीक शरीर से स्कीन से विसर्जित होने वाली ऊर्जा से बुखार होने की पहचान करती है.

टी रे थर्मोग्राफी डिवाइस भी विकसित की गई है जो टेराहर्ट्ज किरणों के जरिये ऐसे व्यक्तियों की पहचान करती है जिन्हें बुखार हो. यह यंत्र व्यस्त प्रवेश द्वार पर संदिग्ध कोविड रोगियों की पहचान कर सकता है.

एक मोबाइल एप संपर्क-ओ-मीटर तैयार किया गया है. इससे यह पता चलता है कि किसी क्षेत्र में कितने संक्रमित हैं तथा वहां कितना खतरा होने कि सम्भावना है. यह किसी क्षेत्र में खतरे की रेटिंग भी करता है.

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