सस्ता सोना खरीदने का मौका, ऑनलाइन खरीदेंगे तो मिलेगा 500 रुपए का एडिशनल डिस्काउंट

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना 2021.22 के लिए निर्गम मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है। यह खरीद के लिए 12 जुलाई से खुलेगा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह कहा। सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (SGB) योजना 2021-21 की चौथी सीरीज 12 जुलाई से 16 जुलाई, 2021 तक खरीद के लिए खुलेगी।  RBI के अनुसार, स्वर्ण बॉन्ड का मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम तय किया गया है।

 

 

 

 

भारत सरकार के परामर्श से रिजर्व बैंक ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट देगा। RBI के अनुसार, ऐसे निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 4,757 रुपए प्रति ग्राम सोना होगा। तीसरी सीरीज के स्वर्ण बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,889 रुपए प्रति ग्राम था। यह खरीद को लेकर 31 मई से चार जूनए 2021 तक खुला था। इससे पहलेए सरकार ने घोषणा की थी कि वह मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह चरणों में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड जारी करेगी। RBI भारत सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करेगा।

 

 

 

 

बॉन्ड, बैंकों छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़करद्धए स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड एसएचसी आईएलद्ध, मनोनीत डाकघरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई जैसे मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के माध्यम से बेचे जाएंगे। वर्ष 2015 में शुरू स्वर्ण बॉन्ड एसजीबी योजना से मार्च 2021 के अंत तक कुल 25,702 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। रिजर्व बैंक ने 2020-21 के दौरान 16,049 करोड़ रुपए 32.35 टन की कुल राशि के एसजीबी की 12 सीरीज जारी किए थे।

 

 

 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की ओर से नियमित अंतराल पर जारी किए जाते हैं। SGB गोल्ड की मौजूदा कीमत पर जारी किए जाते हैं। SGB में आठ साल के लिए निवेश किया जाता है। इसमें पांच साल का लॉक.इन पीरियड होता है। इन पांच सालों में SGB की बिक्री नहीं की जा सकती है। लेकिन पांच साल का लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद SGB की बिक्री की जा सकती है। यदि आप मैच्योरिटी तक SGB रखते हैं तो निवेश पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। SGB में निवेश पर आपको 2.5% सालाना की दर से ब्याज मिलेगा। इस ब्याज का भुगतान छमाही आधार पर किया जाएगा।

 

 

 

 

SGB में निवेश पर जितने सोने के लिए भुगतान किया जाता हैए रिडेम्पशन या प्रीमैच्योर रिडेम्पशन पर निवेशक को उतने ही सोने के बाजार भाव के बराबर राशि मिलती । रिडेम्पशन का मतलब SGB को बेचना है। इसके अलावा SGB में फिजिकल गोल्ड लेने का भी विकल्प मिलता है। बॉन्ड के रूप में गोल्ड खरीदने पर जोखिम और स्टोरेज की लागत भी कम हो जाती है। इसमें निवेशकों को भरोसा दिया जाता है कि उन्हें मैच्योरिटी के समय गोल्ड का बाजार भाव मिलेगा।

 

 

 

 

इसके अलावा SGB पर मेकिंग चार्ज भी नहीं देना पड़ता है और शुद्धता की चिंता भी नहीं रहती है। ज्वैलरी के तौर पर गोल्ड खरीदने पर निवेशकों को मेकिंग चार्ज का भुगतान करना पड़ता है। साथ ही सोने की शुद्धता की चिंता भी रहती है। खोने के डर को दूर करने के लिए यह बॉन्ड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की बुक या डीमैट तरीके से रखे जाते हैं।

 

 

 

 

जानकारों का कहना है कि जो निवेशक मैच्योरिटी तक बॉन्ड रखने का इरादा रखते हैंए उनके लिए SGB लंबी अवधि में निवेश के लिए एक बेहतर साधन है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को सेकेंडरी मार्केट में बेचा जा सकता है। सेकेंडरी मार्केट का मतलब है कि SGB को जहां से खरीदा है, उसके बजाए अन्य वित्तीय संस्थानों को भी बेचा जा सकता है।

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