संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच मे पाकिस्तान को भारत ने दिया करारा जवाब
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में किया, मगर उनका यह दांव उलटा पड़ गया। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर फिर से कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान को भारत ने राइट टू रिप्लाई के तहत मुंहतोड़ जवाब दिया है और कहा कि संयुक्त राष्ट्र मंच का पाकिस्तान ने हमेशा गलत इस्तमाल किया है। ओसामा बिन लादेन का नाम लेकर भारत ने दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल खोल दी है कि कैसे आतंक का आका आतंकवाद का समर्थन करता रहा है। आज सुबह इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को वर्चुअली संबोधित किया और कश्मीर का जिक्र कर कहा कि पाक शांति चाहता है और कश्मीर विवाद के समधाना से ही दक्षिण एशिया में शांति स्थापित होगी।
राइट टू रिप्लाई के तहत भारत की तरफ से इमरान खान के भाषण पर जवाब देते हुए भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा दुबे ने कहा कि अफसोस की बात है कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए मंचों का दुरुपयोग किया है। वह दुनिया का ध्यान अपने देश की उस स्थिति से हटाने की कोशिश कर रहे हैं जहां आतंकवादी फ्री पास का आनंद लेते हैं। जबकि आम लोगों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों का जीवन वहां उलटा हो जाता है। उनके ऊपर अत्याचार होता है।
#Watch: First Secretary Sneha Dubey delivers India’s strong Right of Reply in UN General Assembly after Pakistan PM @ImranKhanPTI rakes up issue of #JammuAndKashmir in his #UNGA address. @PTI_News pic.twitter.com/Bhbt7XklVI
— Yoshita Singh योषिता सिंह (@Yoshita_Singh) September 25, 2021
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के राइट टू रिप्लाई में भारत ने कहा कि पाकिस्तान खुले तौर पर आतंकवादियों का समर्थन करने और उन्हें हथियार देने के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है। भारत ने आगे कहा कि पाकिस्तान के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का अपमानजनक रिकॉर्ड है। भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा दुबे ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे भी क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने के लिए कहते हैं।
भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और संयुक्त राष्ट्र के मंच पर दुनिया को बताया कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली। आज भी पाकिस्तान नेतृत्व आतंकी लादेन को ‘शहीद’ के रूप में महिमामंडित करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपने घर में आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल उनके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। भारत ने तंज कसते हुए कहा कि हम सुनते रहते हैं कि पाकिस्तान ‘आतंकवाद का शिकार’ है। आग लगाने वाला पाक नकाब पहनकर खुद को फायर फाइटर बता रहा है। पाकिस्तान के लिए बहुलवाद को समझना बहुत मुश्किल है जो अपने अल्पसंख्यकों को राज्य के उच्च पदों की आकांक्षा से रोकता है।
इमरान खान ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। शांति स्थापित करने का ठिकरा भारत पर फोड़ते हुए उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान के साथ सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र में वर्चुअल संबोधन के दौरान इमरान खान ने अपने अफगानिस्तान और तालिबान पर मसले को भी बढ़कर कर उठाया।
पहले से रिकॉर्ड किए गए संबोधन में इमरान खान ने एक बार फिर से भारत सरकार के खिलाफ जहर उगला और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार को ‘फासीवादी’ करार दिया। इमरान खान ने कहा कि अमेरिका में 9/11 हमलों के बाद दुनियाभर के दक्षिण पंथियों (राइट विंग) ने मुसलमानों पर हमले शुरू कर दिए और भारत में इसका सबसे ज्यादा असर है। इमरान ने अपने संबबोधन में आरएसएस और भाजपा को टारगेट किया और कहा कि वे मुस्लिमों के साथ भेदभाव करते हैं। वहीं, इमरान ने आरोप लगाया कि भारत ने कश्मीर पर जबरन कब्जा कर रखा है।
इमरान खान ने पाकिस्तान समर्थक अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत का भी जिक्र किया और कहा कि गिलानी के परिजनों के साथ अन्याय हुआ। इमरान ने कहा कि गिलानी के परिवार ने कहा है कि कश्मीर में अलगाववादी नेता को उचित इस्लामिक तरीके से दफनाने से इनकार करते हुए भारतीय अधिकारियों ने उनके शव को ले लिया और उन्हें उनकी सहमति के बिना दफन कर दिया। मैं इस असेंबली से मांग करता हूं कि गिलानी के परिवार को उनका अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की मंजूरी दी जाए।