शीना बोरा हत्याकांड के साजिशकर्ताओं में एक है मुखर्जी जमानत याचिका का विरोध

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को पूर्व मीडिया उद्योगपति पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका का विरोध किया. जांच एजेंसी का कहना है कि वह शीना बोरा हत्याकांड के साजिशकर्ताओं में से एक है. पीटर ने नवंबर में जमानत याचिका दाखिल की थी. उसका तर्क था कि 22 गवाहों की जांच करने के बाद भी ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे साबित हो कि उसने इंद्राणी के साथ मर्डर की साजिश रची थी.

पीटर  इंद्राणी ने सितंबर में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है. इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना ने उसकी बेटी शीना की 2012 में मर्डर कर दी थी. एजेंसी का कहना है कि पीटर की किरदार को साबित करने के लिए उसके पास पर्याप्त सबूत हैं. CBI की विशेष न्यायालय में दाखिल किए 23 पन्नों के जवाब में एजेंसी ने शबनम  पीटर के बेटे राहुल के बीच हुए ईमेल को सूचीबद्ध किया है. जिससे साबित होता है कि वह शीना  राहुल के संबंध के विरूद्ध था.

अपने जवाब में CBI ने दावा किया है, ‘पीटर  इंद्राणी संबंध के विरूद्ध थे. इसी वजह से पीटर ने इंद्राणी के साथ मिलकर चाल चली ताकि वह राहुल को शीना से हमेशा के लिए दूर कर सके. अभियोजन पक्ष के गवाह श्यामवर राय, काजल शर्मा, प्रदीप वाघमारे, मिखाइल बोरा, देवेन भारती ने अपने बयान में पीटर की भागीदारी को लेकर स्पष्ट रूप से बोला है. पीटर ने इंद्राणी के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची  राहुल को भ्रमित किया ताकि वह शीना के गायब होने के मामले को आगे न बढ़ाए.

एजेंसी के अनुसार, ‘मिखाइल ने अपने बयान में बोला है कि इंद्राणी  पीटर राहुल  शीना से खुश नहीं थे. इसके अतिरिक्त एजेंसी ने इंद्राणी, खन्ना  पीटर की कॉल रिकॉर्ड्स का हवाला दिया जिससे पता चलता है कि वह आपस में संपर्क में थे.‘ CBI ने दावा किया, ‘आरोपी के साथ लगातार संपर्क में रहने से यह बात साबित हो गई है कि उसने आपराधिक साजिश रची क्राइम में हिस्सेदार रहा.‘ एजेंसी का कहना है कि उसे राहुल  पीटर के ड्राइवर से पूछताछ करनी बाकी है.

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