विधानसभा चुनाव 2022 : बीजेपी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर देगी टिकट, जानिये क्या है मामला

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेशव्यापी भ्रमण से पहले भाजपा ने विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों का रोडमैप तैयार कर लिया है। फैसला किया गया है कि 2022 के चुनावों में 70 साल से अधिक की उम्र के नेता प्रत्याशी नहीं बनाए जाएंगे। इसके अलावा बीमार नेता भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। पार्टी ने नए चेहरों पर दांव लगाने की रणनीति तैयार की है।

 

जनपद मैनपुरी में पंचायत चुनावों में मिली सफलता से भाजपाई खेमा बेहद उत्साहित है। भाजपा ने 9 में से 7 ब्लाक प्रमुख अपने बनाए हैं। एक ब्लॉक प्रमुख भाजपा के समर्थन से बना है। इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी भी भगवा खेमे के पास है। मैनपुरी की भोगांव विधानसभा से विधायक बने रामनरेश अग्निहोत्री को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री का भी दर्जा दिया गया है। ऐसे में भाजपा खेमा मैनपुरी जनपद से बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं।

इन्हीं उम्मीदों के तले 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा जिले की चारों सीटें जीतने का प्लान बना रही है।मैनपुरी जनपद की करहल, मैनपुरी, भोगांव के अलावा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किशनी विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए भाजपा खेमे में पदाधिकारियों की लंबी लाइन है। जो गाइडलाइन तैयार की गई है उसके तहत पार्टी युवा चेहरों पर मैनपुरी में भी दांव खेल सकती है। किशनी में भाजपा के पास कई बड़े चेहरे हैं।

 

यही हाल मैनपुरी सीट के अलावा भोगांव में भी है। करहल विधानसभा में दूसरे दलों से आए नेता भाजपा का टिकट हासिल करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं। भाजपा खेमे ने सितंबर माह में प्रत्याशियों के चयन के लिए एक गोपनीय सर्वे भी कराया है। जिसमें जिताऊ उम्मीदवारों की राजनीतिक हैसियत और उनके क्रियाकलापों के अलावा पार्टी के प्रति निष्ठा के बिंदुओं पर जानकारी जुटाई गई।

 

आम लोगों के अलावा गणमान्य लोगों के साथ-साथ पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं से भी इन प्रत्याशियों को लेकर सर्वे किया गया है। प्रदीप सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष भाजपा मैनपुरी कहते हैं प्रत्याशियों के लिए जो भी गाइडलाइन शीर्ष नेतृत्व द्वारा तैयार की गई है उसका अनुपालन जनपद का संगठन करेगा। शीर्ष नेतृत्व की ओर से जो भी दिशा निर्देश प्रत्याशियों के चयन के संबंध में दिए जाएंगे। उसी के तहत मैनपुरी में काम कराया जाएगा।

चुनाव के लिए ये हुआ फैसला
– पार्टी कार्यक्रमों में सक्रिय न रहने वाले नेता नहीं बनेंगे प्रत्याशी
-70 साल की उम्र से अधिक के नेता नहीं बनेंगे उम्मीदवार
– गंभीर बीमारियों के शिकार नेता भी नहीं बनेंगे प्रत्याशी

 

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