योगी केबिनेट मंत्री के लेटर बम के कारण विपक्ष ने छोड़े योगी सरकार पर तीर

 

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : कानून मंत्री बृजेश पाठक के स्वास्थ्य महकमे को लिखे पत्र को लेकर विपक्ष नेे तीर छोड़ने शुरू कर दिये है। राजनैैैतिक गलियारों में इस पत्र पर बवाल मचा हुआ है। विपक्ष ने योगी सरकार को इस पत्र के बहाने चारो ओर से तीर छोड़े। प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मंत्री के पत्र के बहाने राज्य सरकार पर बन्टाधार स्वास्थय व्यवस्थाएं होने का आरोप लगाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि खुद सरकार के एक मंत्री ने चिट्ठी लिख कर कोरोना में बदइंतजामी के हालात बयान किए है। मुख्यमंत्री को क्या सबूत चाहिए? कोरोना पर नियंत्रण का झूठा ढिंढ़ोरा पीटने वाली भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ क्यों किया? टीका, टेस्ट, डाक्टर, बेड, एम्बुलेंस सबकी कमी है और टेस्ट रिपोर्ट समय से न मिलने से गम्भीर रूप से बीमार इलाज के लिए सड़कों पर तड़प रहे हैं। गोरखपुर, राजधानी लखनऊ और वाराणसी में हालात विचलित करने वाले हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खुद सरकार के कानून मंत्री ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित न कर पाने पर जो पत्र लिखा है उसने सरकार की कलई खोल दी है। सरकार की विफलता पर खुद उनके मंत्री शिकायत कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की उदासीनता व संवेदनहीनता उजागर हो गई है। लखनऊ के हालात बेहद खौफनाक व चिन्ताजनक हैं। जो सरकार राजधानी नहीं संभाल पा रही वह प्रदेश क्या संभालेगी। टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है।

आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने मंत्री के पत्र को ट्वीट करते हुए कहा है कि लखनऊ के डीएम ने कहा कि सड़कों पर लोग मर रहे हैं तो उसके खिलाफ जांच बैठ गई, अब मंत्री ने कहा कि लखनऊ की हालत चिंताजनक। मुख्यमंत्री जी, डीएम और मंत्री की सच्चाई स्वीकार कीजिए, उनको सच बोलने की सजा मत दीजिए।

मंगलवार सुबह बृजेश पाठक का लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र में उन्होंने लिखा था- अगर हालात में जल्दी सुधार नहीं हुआ तो कोविड 19 की रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में फोन करने पर उत्तर नहीं मिलता है। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री और अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य से शिकायत करने के बाद फोन भले उठ जाए लेकिन सकारात्मक काम नहीं होता।

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