मौनी अमावस्या: प्रयागराज में चल रहे कुंभ का दूसरा शाही स्नान कल

चार फरवरी को मौनी अमावस्या है माघ महीने की अमावस्या पर मौनी अमावस्या मनाई जाती है प्रयागराज में चल रहे कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी मौनी अमावस्या के दिन ही होगा कुंभ मेले में सबसे ज्यादा महत्व है शाही स्नान का है कुंभ का ये स्नान जन्म  मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाता है इस बार सोमवती और मौनी अमावस्या पर महोदय योग बन रहा है यह दुर्लभ योग 71 साल बाद कुंभ के दौरान बन रहा है माना जा रहा है कि दूसरे शाही स्नान में संगम पर डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 4 करोड़ के आस-पास हो सकती है

बन रहा है अद्भुत संयोग
अमावस्या के साथ-साथ सोमवती अमावस्या का अद्भुत संयोग बन रहा है महोदय योग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी तट पर स्नान करने, पूजा-पाठ करने दान करने से अन्य दिनों में किए गए स्नान-दान से कई गुना अधिक पुण्य फल साधक को मिलता है इस दिन दान का विशेष महत्व है मौनी अमावस्या पर मौन रहकर डुबकी लगाने पर अनंत फल प्राप्त होता है

अमावस्या के दिन निगेटिव ऊर्जा का असर काफी होता है, इसलिए भगवान की भक्ति करना शुभ माना जाता इस दिन पूजा, जप-तप बहुत ही शुभ होता है मान्यता है कि इस दिन शुभ काम को नहीं करना चाहिए, वरना फायदा की स्थान हानि होने की आसार ज्यादा रहती है आज हम आपको बताएंगे कि अमावस्या के दिन कौन से ऐसे काम हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए

क्लेश से रहे दूर 
अमावस्या के दिन देवता पितरों का माना जाता है घर में सुख-शांति  खुशी का माहौल पितरों की कृपा से बनती है पितरों को खुश करने  कृपा पाने के लिए जहां तक हो सके अपने आप पर  काबू रखें किसी से बिना वजह गाली गलौज मारपीट न करें कहीं भी किसी से क्लेश न करें घर के माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए पूजा-पाठ करें  अपने पितरों से आशीष लें

सबका सम्मान करें
इस दिन गरीब या जरूरतमंद इंसान की मदद करें मदद न भी कर सके तो, कम से कम उसका अपमान न करें उसके दिल को न दुखाएं गरीब आदमी के दिल को ठेस पहुंचाने से शनि  राहु-केतु रुष्ट हो जाते हैं  उनके प्रकोप से आपके ज़िंदगी में उथल-पुथल मच सकती है

पेड़ों के नीचे जाने से बचे
मेहंदी, बरगद, इमली, पीपल के पेड़ो के नीचे नहीं जाना चाहिए कहते हैं कि इस दिनों भूतों का पेड़ों पर वास रहता है  अमावस्या के दिन वो  भी ताकतवर हो जाते हैं यह मनुष्य को वश में कर दुखी करते है इसलिए इन पेड़ो के समीप जाने से भी इस दिन बचना चाहिए

श्मशान भूमि में जाने से बचे
अमावस्या के दिन शमशान भूमि के आस-पास या अंदर जाने से हर वर्ग के लोगों को नहीं बचना चाहिए, क्योंकि इस दिन  रात में निगेटिव शक्तियों का असर काफी होता है जो हानि पहुंचाती हैं ये शक्तियां मानसिक  शारीरिक दोनों तरह से परेशान करती हैं

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