मोदी सरकार ने 15 अधिकारियों से छिनी रोजी रोटी, जबरदस्ती दिया रिटायरमेंट, बताई यह वजह

मोदी सरकार 2.0 ने मंगलवार को 15 आला अधिकारियों को जबरदस्ती रिटायरमेंट दे दिया है ये सभी ऑफिसर कर विभाग के हैं इनमें मुख्य आयुक्त, आयुक्त अलावा आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हैं बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं डिपार्टमेंट ऑफ व्यक्तिगत ऐंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 के तहत वित्त मंत्रालय ने इन अधिकारियों को सरकार वक़्त से पहले ही रिटायरमेंट दे रही है

सरकार ने इस कदम से स्पष्ट किया है कि घूसखोर  दागी छवि वाले ऑफिसर सरकार को बर्दाश्त नहीं हैं सरकार बहुत ज्यादा समय से ऐसे अधिकारियों के बारे में जानकारी हासिल कर रही थी आने वाले दिनों में भी करप्शन पर नरेन्द्र मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति इसी तरह जारी रह सकती हैं इसके साथ ही जनता के हित के लिए अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को प्रेरित करने की भी नीति स्पष्ट करती हैं कैबिनेट सचिवालय  केंद्रीय सतर्कता आयोग ऐसे अधिकारियों की जानकारी जुटा रहे थे, जिनकी छवि दागी अधिकारीकी थी

सरकार इससे पहले भी IAS, IPS अधिकारियों के विरूद्ध इस तरह की कार्यवाही करती रही है किन्तु पहली बार इतनी बड़ी तादाद में आयकर डिपार्टमेंट के अधिकारियों को फोर्स्ड रिटायरमेंट पर पहुंचाया जा रहा है सरकार के पास अधिकार है कि जो ऑफिसर 50 या 55 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं  उनका कामकाज भी ठीक नहीं है, तो सरकार ऐसे अधिकारियों को समय से पहले रिटायर होने के लिए कह सकती है

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