बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश में समर्थन के लिए चुनी ये पार्टी

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने बुधवार सुबह ऐलान किया कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देगी.

बीएसपी के राज्य में दो विधायक जीते हैं. इनके समर्थन के साथ कांग्रेस के बहुमत के लिए ज़रूरी 116 के आंकड़े तक पहुंच रही है. हालांकि राजस्थान के बारे में मायावती अभी कोई ऐलान नहीं किया है. फिर भी माना जा रहा है कि वे वहां भी कांग्रेस का साथ दे सकती हैं. राजस्थान में उनकी पार्टी के छह विधायक जीतकर आए हैं. जबकि कांग्रेस (99) को यहां भी सरकार बनाने के लिए दो विधायकों (बहुमत के लिए 101 चाहिए) के ही समर्थन की ज़रूरत है. अलबत्ता द टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसी बिंदु को लेकर वह तस्वीर पेश करने की कोशिश की है जो कांग्रेस-बीएसपी के चुनाव पूर्व गठजोड़ से मध्य प्रदेश और राजस्थान में बन सकती थी.

अख़बार ने चुनाव आयाेग के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि अगर कांग्रेस और बीएसपी मध्य प्रदेश में मिलकर चुनाव लड़तीं तो उन्हें लगभग 45.9 फ़ीसदी वोट हासिल होते. इस बार कांग्रेस को 40.9 फ़ीसद वोट मिले हैं. जबकि बीएसपी को पांच प्रतिशत. सीधे तौर इस वोट प्रतिशत का मतलब यही होता कि मध्य प्रदेश में यह गठबंधन एकतरफ़ा नतीज़े हासिल कर सकता था. सीटों की शक़्ल में यह वोट प्रतिशत कांग्रेस-बीएसपी गठबंधन के पक्ष में दो-तिहाई या तीन-चौथाई भी हो सकता था.

कमोबेश यही स्थिति राजस्थान में रही. यहां बीएसपी ने चार प्रतिशत वोट हासिल किए. जबकि कांग्रेस ने 39.3 फ़ीसदी. दाेनाें मिलाकर 43.3 फ़ीसद हो जाता है. यह वाेट प्रतिशत भी जब सीटों में तब्दील होता तो दो-तिहाई से अधिक सीटें गठबंधन के पक्ष में हो सकती थीं. जबकि अभी कांग्रेस दो सीटों से बहुमत से पीछे है. अलबत्ता बीएसपी को ज़रूर फ़ायदा हुआ है. उसके खाते में इस बार राजस्थान की छह सीटें गई हैं. इनके बल पर वह अगली सरकार में साझेदारी की उम्मीद भी कर रही है.

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