प्याज की गिरती कीमतों को लेकर केंद्र गवर्नमेंट कर रही किसानों की मदद की तैयारी

प्याज की गिरती कीमतों को लेकर केंद्र गवर्नमेंट किसानों की मदद करने की तैयारी में है. कृषि मंत्रालय इसके लिए मार्केट हस्तक्षेप योजना के जरिए मार्केट मूल्य मुहैया करा सकती है.इसके लिए मंत्रालय ने राज्य सरकारों से प्रस्ताव मांगा है. पिछले वर्ष ऐसी ही घटना होने पर गवर्नमेंट ने आलू की खरीद की थी.

प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी  ओडिशा के किसानों को प्याज की घटती कीमतों के चलते भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में महाराष्ट्र के एक किसान ने प्याज की कम मूल्य मिलने पर मनीऑर्डर पीएम ऑफिस को भेज दिया था. इसके अतिरिक्त राजनीतिक दलों ने भी गवर्नमेंट से प्याज की कीमतों का मसला गवर्नमेंट के समक्ष उठाया है. साथ ही गवर्नमेंट को भी यह चिंता है कि किसान को अगर कम कीमतें मिलेंगी तो वह रबी सीजन में  प्याज कम उगाएगा  फिर दाम बढ़ने पर हाहाकार मचेगा.

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ ऑफिसर के मुताबिक प्याज की कीमतों में सबलता लाने को लेकर चर्चा की गई है. लेकिन बिना राज्यों की पेशकश के केंद्र सीधे तौर पर इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. इसलिए प्याज उत्पादक राज्यों को इस विषय में प्रस्ताव भेजने को बोला गया है.

राज्य सरकारें जल्द भेजेंगी प्रस्ताव
ऑफिसर ने बताया कि कृषि मंत्रालय किसानों की मदद करने को तैयार है  वह मार्केट हस्तक्षेप योजना (मार्केट इंटरवेंशन स्कीम) के तहत यह कदम उठाएगा. ताकि प्याज की पैदावार करने वाले किसान हतोत्साहित न हों. इस योजना के तहत केंद्र राज्यों को किसानों को राहत पहुंचाने के लिए खज़ाना मुहैया कराएगी. हालांकि कितना खज़ाना मुहैया कराया जाएगा. यह कहना अभी कठिन हैं, क्योंकि राज्यों का प्रस्ताव आने के बाद ही इस मामले में स्पष्ट आकलन सामने आएगा. माना जा रहा है कि राज्य सरकारें जल्द केंद्र को अपना प्रस्ताव भेजेंगी, जिसके बाद किसानों को राहत मिलेगी.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सर्वाधिक प्रभावित

 विशेषज्ञों के मुताबिक प्याज का भंडारण करना संभव नहीं है. ऐसे में गवर्नमेंट के पास प्याज की उचित मूल्य पर खरीदकर मार्केट में भाव को बढ़ाना ही एक मात्र तरीका है, जिसके बारे में गवर्नमेंट विचार कर रही है. ऐसे में राज्य की एजेंसियों के जरिए गवर्नमेंट तय मात्रा में प्याज की खरीद कर सकती है. पिछले वर्ष आलू की खरीद भी गवर्नमेंट ने इसी तरह से की थी.ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी के साथ मंडी शुल्क में भी छूट मुहैया कराई जा सकती है.

बताते चलें कि प्याज पैदावार करने वाले राज्यों में सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र  मध्य प्रदेश हैं. महाराष्ट्र में किसानों की एक कंपनी एमपीएफसी ने इस संकट से निकलने के लिए उन राज्यों के साथ सीधे व्यापार करने की तैयारी की है, जहां प्याज की कमी है. इसके अतिरिक्त राज्य में पानी की कमी के कारण खरीफ की फसल की जल्द कटाई भी की जा रही है. साथ ही सरकारी स्तर पर अन्य तरीकों को भी लागू करने की कवायद चल रही है.

Related Articles

Back to top button