देश में पहली बार नेबुलाइजर प्रयोग की गाइडलाइन बनाई गई

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : देश में पहली बार नेबुलाइजर प्रयोग की गाइडलाइन बनाई गई है। इसमें नेबुलाइजर का 8-10 मिनट से ज्यादा इस्तेमाल न करने की सिफारिश की गई है। साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के अधांधुंध तरीके से दो या उससे ज्यादा दवाओं के मिश्रण का नेबुलाइजर से इस्तेमाल पर रोक लगाने का भी सुझाव किया गया है।नेबुलाइजर की गाइडलाइन नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन ऑफ इंडिया की चेस्ट विशेषज्ञों की कमेटी ने बनाई है। कमेटी के चेयरमैन और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ.एसके कटियार ने बताया कि गाइडलाइन का ब्लूप्रिंट कमेटी ने नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन ऑफ इंडिया को पेश कर दिया है। अब केन्द्र सरकार को गाइडलाइन देकर उसे कार्ययोजना के रूप में पूरे देश में लागू कराया जाएगा ताकि नेबुलाइजर का बेजा इस्तेमाल रोका जा सके। कमेटी में पूरे देश से 11 चेस्ट विशेषज्ञों ने कोविड काल से मंत्रणा और बैठकें कीं, उसी के बाद उसका ब्लूप्रिंट बनाया गया है। डॉ.कटियार की मानें तो गाइडलाइन में नेबुलाइजर्स का भी पैरामीटर तय किया गया है। कौन से नेबुलाइजर किस मरीज के लिए मुफीद रहेंगे, उसके लिए भी अलग सिफारिशें की गईं हैं।

अभी तक गाइडलाइन न बनने से मरीज घंटों उसे लगाए रहते हैं। अस्पतालों में भी कोई बैरियर तय नहीं किया गया है। कार्ययोजना लागू होने पर नेबुलाइजर के प्रयोग के नियम-कायदे बन जाएंगे। कमेटी के चेयरमैन डॉ. कटियार के मुताबिक कोरोना काल में मरीजों को सर्वाधिक चेस्ट संक्रमण हुआ, इस काल में नेबुलाइजर को लेकर तरह-तरह के भ्रम पैदा किए गए इसलिए नेबुलाइजर छोड़ कर मरीजों को इंहेलर का सुझाव दिया गया, इससे पूरे देश में कोविड काल में इंहेलर का संकट पैदा हो गया है। कोविड मरीज होम आइसोलेशन में नेबुलाइजर का तभी इस्तेमाल करें जब उसके कमरे में क्रास वेंटीलेशन हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि नेबुलाइजर संक्रमित मरीज से अन्य लोगों को फैल सकता है। गाइडलाइन में सीओपीडी, अस्थमा, वायरल संक्रमण में मरीजों के साथ डॉक्टरों के लिए अलग एडवाइजरी जारी कर दी गई है।

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