दारा सिंह चौहान ने रविवार को समाजवादी पार्टी की ली सदस्यता
UP Election 2022: योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान और अपना दल के विधायक आरके वर्मा ने रविवार को अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ली।
स्टार एक्सप्रेस
डेस्क. योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान ने रविवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में उन्होंने सपा की सदस्यता ली। इस अवसर पर उनके कई साथियों ने भी सपा की सदस्यता ली इसमें बीजेपी और बसपा के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारी शामिल थे। इसके साथ ही प्रतापगढ़ की विश्वनाथगंज सीट से अपना दल के विधायक आरके वर्मा ने भी सपा की सदस्यता ली।
सपा में शामिल होने के बाद में दारा सिंह चौहान ने कहा कि दलितों-पिछड़ों ने बीजेपी की सरकार बनवाई। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने दलितों-पिछड़ों के हितों की ही अनदेखी की उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में जब बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के बनाए संविधान के साछ छेड़छाड़ की गई तो उन्होंने सरकार और बीजेपी को छोड़ने का फैसला कर लिया। उन्होंने कहा कि जानवरों की गिनती तो हो रही है, लेकिन पिछड़ों की गिनती नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार बदलने पर देश और दुनिया के लोगों की निगाहें लगी हुई हैं।
दारा सिंह चौहान ने क्यों छोड़ी सपा – चौहान ने बीजेपी छोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार पर दलितों, पिछड़ों, किसानों और नौजवानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। आजमगढ़ से आने वाले दारा सिंह चौहान ने राजनीतिक की शुरूआत एक छात्र नेता के रूप में की साल 2014 का लोकसभा चुनाव चौहान ने बसपा के टिकट पर लड़ा था। लेकिन बीजेपी के हरिनारायण राजभर ने उन्हें हरा दिया था। इसके बाद वो बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को मऊ जिले की मधुवन सीट से उम्मीदवार बनाया वो जीते भी इसके बाद योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का ओहदा मिला।
किस किस दल में रह चुके हैं दारा सिंह चौहान – चौहान को दल-बदल में माहिर माना जाता है। छात्र राजनीति के बाद वो कांग्रेस में रहे। बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया था। वो राज्यसभा में 2006 तक रहे। बाद में वो सपा छोड़ बसपा में शामिल हो गए। बसपा ने उन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय सीट से टिकट दिया। इसके बाद वो पहली बार जीतकर लोकसभा पहुंचे। लेकिन 2014 के चुनाव में मिली हार के बाद दारा सिंह चौहान ने बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया।