जानिए शिवराज गवर्नमेंट किस कार्य के लिए ले रही है इतनी मोटी रकम कर्ज के रूप में

वोटिंग के बाद से लोग 11 दिसंबर को होनी वाली मतगणना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं इसी बीच मध्य प्रदेश गवर्नमेंट के 800 करोड़ रुपए कर्ज लेने की समाचार ने राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है सवाल उठ रहे हैं कि पूरे चुनाव प्रचार में मध्य प्रदेश में हुए विकास कार्यों को गिनाने वाली शिवराज गवर्नमेंट किस कार्य के लिए इतनी मोटी रकम कर्ज के रूप में ले रही है मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मौजूदा गवर्नमेंट लेने जा रही है इस पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया है पार्टी ने पूछा है कि आखिर ऐसी क्या आवश्यकता पड़ गई कि नया जनादेश आने से पहले गवर्नमेंट को कर्ज लेना पड़ रहा है, क्या छह-सात दिन इंतजार नहीं कर सकती थी? पौने दो लाख करोड़ का कर्ज तो पहले से है ही

 

राज्य गवर्नमेंट के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अधूरे पड़े कार्यो को पूरा कराने के लिए मार्केट से लेना पड़ रहा है यह कर्ज अगले 10 वर्ष के लिए होगा राज्य पर लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहले से है, अब  लिया जा रहा है

बीजेपी के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने संवाददाताओं से बोला कि राज्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर यह कर्ज लिया जा रहा है वर्तमान गवर्नमेंट का लक्ष्य समाज के हर वर्ग के लिए कार्य करना रहा है  लगातार यह क्रम जारी है

वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा, “यह गवर्नमेंट जाते जाते राज्य को  कर्जदार बनाने पर तुली है नया जनादेश आने वाला है, तो ऐसे में कर्ज लेने का औचित्य नहीं बनता यह गवर्नमेंट जा रही है, इसलिए कर्ज ले रही है वह तो कर्ज लेकर चली जाएगी, मगर इसका वजन प्रदेश की जनता पर पड़ेगा ”

राज्य में 28 नवंबर को मतदान हो चुका है  मतगणना 11 दिसंबर को होने वाली है गवर्नमेंट एक तरफ बुधवार को मंत्रिमंडल की मीटिंग करने वाली है तो दूसरी तरफ ले रही हैकांग्रेस पार्टी ने गवर्नमेंट की कार्यशैली पर सवाल उठाया है  निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की है, क्योंकि इस समय आचार संहिता लागू है

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