छोटा शकील के गुर्गे को अपना नागरिक बता रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान ने थाईलैंड अदालत में छोटा शकील के गुर्गे मुदस्सर हुसैन सैय्यद उर्फ मुन्ना झिंगाड़ा (50) की कस्टडी पाने के लिए अपील दायर की है। उसका दावा है कि वह पाकिस्तानी नागरिक है। जबकि इसी अदालत ने भारत का निवेदन मानते हुए उसे भारत को प्रत्यर्पित करने का फैसला दिया है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी सरकार ने पिछले महीने थाई अदालत के अगस्त में दिए फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की है। जिसमें झिंगाड़ा को भारतीय नागरिक माना गया था।


मूलरूप से जोगेश्वरी के रहने वाले झिंगाड़ा ने छोटा शकील की आज्ञा पर उसके प्रतिद्वंदी गैंगस्टर छोटा राजन को 2000 में बैंकॉक में मार दिया था। हत्या के बाद झिंगाड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 2012 में जेल की सजा पूरी होने के बाद भारत और पाकिस्तान ने थाई अदालत में उसकी नागरिकता को लेकर लड़ाई लड़ी।

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ताजा याचिका की वजह से मामला लंबा खींच सकता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें पता चला है कि पाकिस्तान सरकार ने फर्जी दस्तावेज जमा किए हैं। जिसमें स्थानीय जन्म प्रमाणपत्र और विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र भी शामिल है। हमने थाई अदालत में ठोस सबूत पेश किए हैं। जिसमें डीएनए रिपोर्ट और उसके बचपन की तस्वीर है। जिसे मान लिया गया है। अब हमें उम्मीद है कि अदालत पाकिस्तान की याचिका को खारिज कर देगी।’

मुंबई पुलिस के सूत्रों का कहना है कि यदि झिंगाड़ा को भारत लाया जाता है तो भारत को दाऊद इब्राहिम के ठिकाने का पता लगाने में आसानी रहेगी। यही वजह है कि पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। सूत्रों का कहना है कि गैंग को डर है कि उसकी भारत वापसी होने पर वह दाऊद और उसके साथियों के बारे में सूचना दे सकता है और उसके गैंग, रणनीति और समीकरण के बारे में अंदर की जानकारी बता सकता है।

वहीं झिंगाड़ा के भारत प्रत्यर्पित होने से भारत को पाकिस्तान में बसे दाऊद के ठिकाने का पता चल जाएगा। खुफिया सूत्र ने बताया कि शायद यही वजह है कि पाकिस्तान झिंगाड़ा को पाकिस्तानी नागरिक साबित करके उसे अपने देश प्रत्यर्पित करवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। पाकिस्तान का दावा है कि झिंगाड़ा पाकिस्तानी नागरिक है क्योंकि वह पाकिस्तानी पासपोर्ट और मोहम्मद सलीम के नाम से थाईलैंड में दाखिल हुआ था।

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