गांव-गांव कोरोना का कोहराम, अखिलेश यादव ने भाजपा पर लगाया इल्जाम…

स्टार एक्सप्रेस

लख़नऊ. हाल के दिनों में शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं जिसके कारण वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद तनाव से गुज़र रही है। लेकिन अब कोरोना वायरस तेज़ी से गांवों में भी पैर पसार रहा है, जहां शहरों की अपेक्षा स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति पहले से ही बदहाल है। अब इसे लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश व क्रेंद सरकार पर हमला बोला है।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि – कोरोना ने जिस तरह उप्र के गाँवों को प्रभावित किया है वो अति चिंतनीय है। गाँवों और क़स्बों में दवाई, ऑक्सीजन व उपचार के अभाव से लोगों का जीवन संकट में है और भाजपा सरकार अभी भी स्थिति की भयावहता को स्वीकार नहीं कर रही है।

भाजपा सरकार के झूठ से मृत्यु का सच नहीं छिपाया जा सकता।

सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध डेटा ‘हाउ इंडिया लिव्स’ के आधार पर 700 ज़िलों में दर्ज किए गए कोरोना संक्रमण के मामलों पर किए गए शोध में पाया गया है कि कोरोना वायरस अब ग्रामीण इलाक़ों में तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार अभी भी गांवों में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से साफ इंकार कर रही है।

ग्रामीण इलाक़ों में क्या है स्वास्थ्य व्यवस्था

अगर स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो, शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य व्यवस्था उतनी दुरुस्त नहीं है।

2019 में सरकार द्वारा जारी की गई नेशनल हेल्थ प्रोफ़ाइल रिपोर्ट के अनुसार जहां शहरी इलाक़ों में प्रत्येक दस लाख की आबादी पर सरकारी अस्पताल में 1,190 बेड की सुविधा है, वहीं ग्रामीण इलाक़ों में प्रत्येक दस लाख की आबादी पर सरकारी अस्पताल में 318 बेड की सुविधा है।

राजधानी दिल्ली जहां अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीज़ों के लिए बेड की कमी की ख़बरें आई थीं, वहां प्रत्येक दस लाख की आबादी पर सरकारी अस्पताल में 1,452 बेड हैं।

ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवा की बदहाल हालत इस बात का संकेत है कि संक्रमितों की संख्या अधिक होने पर यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर तनाव भी कहीं अधिक होगा।

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