कोरोना की तीसरी लहर से पहले हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में लगी योगी सरकार, डॉक्टरों को मिल रही ट्रेनिंग
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने आम इंसान के साथ साथ डॉक्टरों को भी नहीं बक्शा. कोरोना से संक्रमित हो कर सैकड़ों डॉक्टरों की जान मरीजों का उपचार करते हुए चली गई है. पूरे भारत में अब तक 594 डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई है. इस बात की जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने दी है.
केंद्र और राज्य सरकारें अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहद मजबूत करने में जुटी हुई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी मेडिकल कॉलेज को 100 बेड वाले अस्पताल बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार करने के आदेश दिए हैं. कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने बेड की तैयारी से आगे बढ़ते हुए इनके माइक्रोमैनेजमेंट पर ध्यान देना शुरू कर दिया है.
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल आरबी कमल ने बताया कि बच्चों के लिए हम माइक्रो मैनेजमेंट पर प्लान कर रहे हैं. हो सकता है बच्चा अपने अभिभावक को वार्ड में ना पाकर परेशान हो. इसलिए एक अभिभावक को बच्चे के साथ उसकी देखरेख के लिए रखा जाएगा. वार्ड बॉय अपना काम करेगा. सिस्टर, डॉक्टर अपना-अपना काम करेंगे.