केंद्र सरकार का ‘ट्रंप कार्ड’, OBC आरक्षण पर विपक्ष भी दे रहा साथ

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने एक और राजनीतिक दांव खेला है। केंद्र सरकार ने संसद में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक के पास होने के बाद जहां राज्यों को एक बार फिर ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा। इसे सरकार की पिछड़ों में पकड़ और मजबूत करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।

 

 

 

कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस विधेयक का समर्थन करने का ऐलान कर चुका है। ऐसे में सरकार को संविधान संशोधन पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इस विधेयक के पारित होने के बाद हरियाणा में जाट, महाराष्ट्र में मराठा, कर्नाटक में लिंगायत और गुजरात में पटेल को ओबासी में शामिल करने का अधिकार राज्यों को मिल जाएगा। इसका असर राज्यों की सियासत पर पड़ेगा और भाजपा वोट में बदलने की कोशिश करेगी।

 

 

 

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। यादव को छोड़कर दूसरी पिछड़ी जातियां भाजपा को वोट करती रही हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में बड़ी तादाद में ओबीसी ने भाजपा को वोट दिया था। इसलिए,भाजपा अपना जनाधार मजबूत कर रही है। यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों की नजर पिछड़ा वर्ग पर है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर ओबीसी मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं। बसपा ने ओबीसी जनगणना की मांग कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। ऐसे में ओबीसी भाजपा से छिटकता है, तो चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है। इसलिए, भाजपा अपना वोट बैंक बरकरार रखना चाहती है।

 

 

 

यह सही है कि संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा, पर मराठा के साथ भाजपा को ओबीसी की भी चिंता है। वर्ष 2014 के चुनाव में विदर्भ में भाजपा को जमकर वोट मिला था, पर 2019 के चुनाव में पार्टी अपना प्रदर्शन दोहराने में नाकाम रही है। इसकी बड़ी वजह ओबीसी की नाराजगी को माना जा रहा था। कई ओबीसी नेता भी कमल छोड़कर दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए।

 

 

 

लोकसभा में पेगासस मुद्दे पर सरकार व विाक्ष में जारी गतिरोध के बीच सरकार ने सोमवार को हंगामें के बीच तीन विधेयकों को पारित कराया और तीन विधेयकों को पेश किया। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) संविधान संशोधन विधेयक पर सरकार व विपक्ष की मोटी सहमति नजर आई और दोनों पक्ष इस पर साथ दिखे। इस विधेयक को सोमवार को सदन में पेश किया गया है, जिसे मंगलवार को चर्चा कर पारित कराया जाएगा। इस विधेयक को पेश किए जाने के समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद रही।

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