कांग्रेस पार्टी ने 99 सीटों पर जीत हासिल कर किया यह दावा

राजस्थान, मध्य प्रदेश  छत्तीसगढ़ भाजपा का मजबूत गढ़ माने जाते हैं अगर देशस्तर पर बीजेपी का एक खाका खींचा जाए तो ये प्रदेश भाजपा का दिल कहे जाते हैंलेकिन इस बार सत्तारूढ़ भाजपा को उसी के दिल ने जोर का झटका दिया है इन राज्यों में मिली पराजय से आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा की राह कठिन हो गई है जो पार्टी 2014 की विजय से ही 2019 में फतह की रणनीति बनाकर कार्य रही थी, इस पराजय ने नेताओं ने फिर से नए फार्मूले तैयार करने पर मजबूर कर दिया है

 

2019 के लोकसभा चुनावों से अच्छा 5 महीने पहले बीजेपी को हिंदी पट्टी के राजस्थान, मध्य प्रदेश  छत्तीसगढ़ में शिकस्त का सामना करना पड़ा है पॉलिटिक्स के जानकार बताते हैं कि इन चुनावों ने भाजपा को ऐसे जख्म दिए हैं, कि उसकी लोकसभा में वापसी में कठिन कर दी है, वहीं कांग्रेस पार्टी की इस जीत ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की छवि को मजबूत करने का कार्य किया है

तीन राज्यों में नयी सरकार
अभी तक मिले नतीजों के मुताबिक, मध्य प्रदेश की 230 सीटों में पिछले 15 सालों से सत्ता में रही भाजपा को 109 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी 113 सीटों पर कब्जा करने में सफल हुई है राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर चुनाव हुए थे यहां भाजपा के खाते में 73 सीटें आई हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी ने 99 सीटों पर जीत हासिल कर गवर्नमेंट बनाने का दावा किया है छत्तीसगढ़ में भी भाजपा लंबे समय से सत्ता में रही है यहां भाजपा का मुकाबला किसी भी दल से नहीं माना जा रहा था, इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी ने सभी पूर्वानुमानों को ध्वस्त करते हुए 90 में 67 पर अपना परचम लहराया है भाजपा को महज 15 सीटों पर ही सिमट कर रह गई

लोकसभा चुनावों पर निश्चित ही विधानसभा चुनावों का प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि केंद्र में इन राज्यों का एक बड़ा प्रतिनिधित्व है मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29, राजस्थान में 25 छत्तीसगढ़ में 11 सीटें हैं अगर इससे पहले हुए अन्य राज्यों के चुनावों पर भी नजर डालें तो भले ही भाजपा वहां सत्ता में हो, लेकिन सीटों के मामले में उसे नुकसान ही उठाना पड़ा हैगुजरात इसका सबसे बड़ा उदाहरण है

 

आम चुनाव में भी होगा असर
मध्य प्रदेश, राजस्थान  छत्तीसगढ़ में मिली पराजय का प्रभाव 2019 के लोकसभा चुनावों पर भी होगा जानकार बताते हैं कि इस जीत ने लोगों में कांग्रेस पार्टी प्रति विश्वास को फिर से कायम किया है, जिसका सीधा प्रभाव लोकसभा चुनावों में होगा इसके अतिरिक्त जिन-जिन सीटों पर कांग्रेस पार्टी जीती है, वहां भाजपा के वोटबैंक को कम करने का कार्यअगले 5 महीने में जरूर किया जाएगा पॉलिटिक्स के जानकार बताते हैं कि अभी के प्रभाव से अगर आकलन किया जाए, तो भाजपा लोकसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में 29 में से 17, राजस्थान में 25 में 13  छत्तीसगढ़ में 11 में से महज 1 सीट पर ही जीत हासिल करेगी

राजनीति के जानकर इस फार्मूले को लेकर आश्वस्त इस वजह से हैं क्योंकि 2004, 2009  2014 के लोकसभा चुनावों से पहले जहां-जहां विधानसभा चुनाव हुए हैं, वहां के नतीजों ने लोकसभा को भी प्रभावित किया है पिछले चुनावों में इन राज्यों में भाजपा का परचम लहराया था, जिसका प्रभाव लोकसभा चुनावों में साफतौर पर दिखाई देता है

सहयोगी दलों पर निर्भरता
राजस्थान, मध्य प्रदेश  छत्तीसगढ़ में बैकफुट में आई भाजपा की अब अपने सहयोगी दलों पर निर्भरता बढ़ जाएगी जिस वजह से सीटों के बंटवारे को लेकर खींचातानी देखने को मिलेगी बिहार में तो CM नीतीश कुमार पहले ही बराबर की हिस्सेदारी की बात कह चुके हैं अन्य सहयोगी दल भी सीटों की शेयरिंग को लेकर भाजपा पर दबाव बनाएंगे

Related Articles

Back to top button